कमिश्नरेट पुलिस ने शुक्रवार को राजधानी शहर में ‘काफिले की गश्त’ शुरू की है। असामाजिक गतिविधियों को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा को और अधिक कुशलता से सुनिश्चित करने के लिए, कमिश्नरेट पुलिस ने चौबीसों घंटे नागरिकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ‘काफिले की गश्त’ की शुरुआत की है।
बड़े पैमाने पर गश्त के प्रयास में, जिसमें अतिरिक्त आयुक्त, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और पुलिस थानों के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) शामिल थे। इसका उद्देश्य विभिन्न स्थानों पर जांच और नाकाबंदी को तेज़ करना था। यह समन्वित प्रयास शहर को पिछले दिनों की तुलना में अपराध मुक्त बनाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।
पुलिस आयुक्त सुरेश देवदत्त सिंह ने कहा कि काफिले की गश्त’ का नया कदम मौजूदा सुरक्षा उपायों के अतिरिक्त है। इसमें नियमित नाकाबंदी और जांच व असामाजिक तत्वों पर कड़ी नज़र रखने के साथ-साथ नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई शामिल है। इस समन्वित प्रयास का उद्देश्य अपराधों को रोकना, आपात स्थितियों पर त्वरित प्रतिक्रिया देना, तथा संभावित अपराध स्थलों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करना है।