प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत सीशोर ग्रुप ऑफ कंपनीज के मामले में 5.67 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क करने का एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है।
जांच के दौरान, यह पता चला है कि सीशोर ग्रुप द्वारा 6.5 करोड़ रुपये की अपराध की कार्यवाही का एक हिस्सा इसके दो लाभार्थियों डॉ दिलीप अमृतलाल गुधाका और हेराल्ड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (इसके प्रबंध निदेशक मयूरेश दास द्वारा प्रतिनिधित्व) के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
अत: डॉ. दिलीप अमृतलाल गुधाका और मयूरेश दाश की 5.67 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए अस्थाई कुर्की जारी की गई है।
इस मामले में 258 करोड़ रुपये की चल और अचल दोनों संपत्तियों को कुर्क करने के चार आदेश जारी किए गए हैं।