अस्पताल संक्रमण नियंत्रण (एचआईसी) प्रथाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हाल ही में यहां सम अस्पताल के सीतलापल्ली परिसर में एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसे संक्रमण की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
एचआईसी प्रथाएं अस्पताल में संक्रमण के प्रसार को रोकने या इसके लिए किए गए उपायों और प्रोटोकॉल को संदर्भित करती हैं जिसमें हाथ की स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उचित उपयोग, बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन आदि शामिल है।
इस अवसर पर बतौर रिसोर्स पर्सन जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन, पुडुचेरी में संक्रामक रोग विशेषज्ञ और क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. अपूर्वा एस. शास्त्री मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि मजबूत संक्रमण नियंत्रण प्रथाएं रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के विकास को धीमा या रोक सकती हैं।
डॉ. शास्त्री को अस्पताल संक्रमण नियंत्रण सहित संक्रामक रोगों की रोकथाम और प्रबंधन में अनुसंधान, शिक्षा और नैदानिक प्रथाओं में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।
सीएमई को सम अस्पताल, सीतलापल्ली परिसर के निदेशक श्री देब प्रसाद दाश द्वारा समर्थित किया गया था, जबकि इसका उद्घाटन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद शास्त्री ने किया था। डॉ. ई.संजीव राव ने रिसोर्स पर्सन को सम्मानित किया जबकि डॉ. मनोज पाणिग्रही ने धन्यवाद ज्ञापन किया।