ओडिशा विधानसभा में जारी गतिरोध के बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक जय नारायण मिश्रा ने रविवार को विपक्षी बीजद पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ‘सुपर लीडर’ के आदेश पर सदन की कार्यवाही बाधित कर रही है।
मीडिया से बातचीत में मिश्रा ने कहा कि बीजद की रणनीति शुरू से ही साफ थी—वे विधानसभा चलने ही नहीं देना चाहते थे। पार्टी सुप्रीमो और नेता प्रतिपक्ष (LoP) स्वयं सदन में आने में सक्षम नहीं हैं। वहीं उनका तथाकथित ‘सुपर लीडर’ (संकेतपूर्वक वी.के. पांडियन) ही तय करता है कि सदन चलेगा या नहीं। भाजपा विधायक के इस बयान ने सदन के भीतर और बाहर राजनीतिक बहस को हवा दे दी है।
मिश्रा ने आगे कहा कि अब यह लड़ाई दूसरे स्थान के लिए है—सिल्वर या ब्रॉन्ज। असली नियंत्रण ‘सुपर लीडर’ के पास है और खुद बीजद के वरिष्ठ सदस्य भी मानते हैं कि वे उसी के निर्देश पर सदन ठप कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस दिन बीजद ने सदन की कार्यवाही बाधित की, उसी दिन कांग्रेस ने खाद-खरीद की समस्या उठाई थी।
अगर बीजद जनता की समस्याओं को लेकर सचमुच गंभीर होता, तो बहस में शामिल होता। लेकिन उन्होंने चर्चा छोड़कर सदन ठप किया और ‘सुपर लीडर’ के आदेश का पालन किया।
इस बीच, उपनेता प्रतिपक्ष प्रसन्न आचार्य ने सदन की कार्यवाही सामान्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि विधानसभा सुचारू रूप से चले और राज्य की वास्तविक समस्याओं पर चर्चा हो। लेकिन सरकार बहस के लिए मंच उपलब्ध नहीं करवा रही है। यह रवैया अलोकतांत्रिक और असमझनीय है।
‘सुपर लीडर’ वाली टिप्पणी ने सियासी अटकलों को और तेज कर दिया है, जिसे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी की ओर इशारा माना जा रहा है। हालांकि, बीजद की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।