बिहार सरकार ने सरकारी शिक्षकों के पक्ष में एक बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने केके पाठक के आदेश को खारिज करते हुए नया फैसला लिया है। दरअसल, केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहते हुए सरकारी स्कूल को लेकर एक नया फैसला लिया था। इसको लेकर शिक्षकों ने काफी विरोध जताया था। शिक्षा विभाग ने इस फैसले को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में परीक्षा आयोजन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आगामी वर्ष 2025 से विद्यालयों में मासिक परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। यह निर्णय गुणवतापूर्ण शिक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक, एवं वार्षिक परीक्षा का संचालन किया जाएगा। कक्षा 1 से 8वीं तक की परीक्षाओं का आयोजन राज्य शिक्षा शोध और प्रशिक्षण परिषद, पटना द्वारा किया जाएगा। वहीं, कक्षा 9वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं का संचालन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना द्वारा किया जाएगा।
जनवरी 2025 से प्रत्येक सोमवार (अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस) को विद्यालय स्तर पर साप्ताहिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा आंतरिक मूल्यांकन के अंतर्गत होगी। इसके परिणाम विद्यार्थी एवं अभिभावकों के साथ साझा किए जाएंगे। उपरोक्त के अतिरिक्त बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वर्ग 9वीं से 12वीं के लिए ली जाने वाली परीक्षाए यथा प्रायोगिक, सेंटअप, कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाए यथावत रहेंगी।