प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को नईमा खातून के रूप में पहली महिला कुलपति (वीसी) मिल गई है। लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर खातून की नियुक्ति को हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ-साथ चुनाव आयोग से भी मंजूरी मिली है।
कम ही लोग जानते हैं कि नईमा खातून ओडिशा के जाजपुर जिले की रहने वाली हैं और वह 100 साल से अधिक के इतिहास में एएमयू की पहली महिला कुलपति हैं।
खातून ने अपने पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ से कार्यभार संभाला, जो पहले प्रो-वाइस चांसलर के रूप में कार्य कर रहे थे। एएमयू वीसी का कार्यभार संभालने से पहले, उन्होंने लगभग 10 वर्षों (2014 से) तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के महिला कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में काम किया।
एएमयू कोर्ट ने इस पद के लिए तीन उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था और पिछले साल नवंबर में चयन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास नाम भेजे थे। एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी, खातून को एक व्याख्याता के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में 2006 में प्रोफेसर पद पर पदोन्नत किया गया। 2014 में महिला कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में शामिल होने से पहले वह वहीं रहीं।