ओडिशा ने भारत के हाई-स्पीड रेल मानचित्र पर अपनी जगह पक्की कर ली है, जिसके तहत वर्तमान में राज्य में छह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। आधुनिक सुविधाओं से भरपूर, इन सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों ने क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाया है और स्वचालित दरवाजे, इंफोटेनमेंट सिस्टम, बायो-वैक्यूम शौचालय और गद्देदार सीटिंग जैसी बेहतर सुविधाओं के साथ नियमित भारतीय रेलवे के डिब्बों की तुलना में रेल यात्रा के अनुभव को बदल दिया है।
जैसे-जैसे तेज़, स्वच्छ और अधिक आरामदायक रेल यात्रा की मांग बढ़ रही है, ये सेवाएं ओडिशा के धार्मिक, औद्योगिक और प्रशासनिक केंद्रों को पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के प्रमुख शहरों से जोड़ने में मदद कर रही हैं।
पुरी-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 20836)
धार्मिक शहर पुरी को औद्योगिक क्षेत्र राउरकेला से जोड़ती है। लगभग 7 घंटे और 45 मिनट में 504 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, यह ट्रेन खुर्दा रोड, भुवनेश्वर, कटक, ढेंकानाल, तालचेर रोड, अंगुल, संबलपुर सिटी और झारसुगुड़ा सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रुकती है।
सप्ताह में छह दिन (रविवार को छोड़कर) चलने वाली यह ट्रेन ओडिशा के तट और इसके खनन और विनिर्माण क्षेत्र के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बन गई है।
प्रस्थान (पुरी से): सुबह 5 बजे
आगमन (राउरकेला में): दोपहर 12:45 बजे
पुरी-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस: अब 20 कोच के साथ
पुरी-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस (22896) पर्यटकों और दैनिक यात्रियों के लिए सबसे अधिक मांग वाली सेवाओं में से एक बन गई है।
केवल 6 घंटे और 40 मिनट में 502 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, यह ओडिशा के राजधानी क्षेत्र को कोलकाता से जोड़ती है और रास्ते में भद्रक, बालेश्वर व खड़गपुर में रुकती है।
प्रस्थान (पुरी से): दोपहर 1:50 बजे
आगमन (हावड़ा): रात 8:30 बजे
16 मई, 2025 से प्रभावी एक बड़े अपग्रेड में, भारतीय रेलवे ने ट्रेन को 20 कोच तक विस्तारित किया, जिसमें 16 एसी चेयर कार, 2 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच और 2 अतिरिक्त क्रू-कम-चेयर कार कोच शामिल हैं।
यह कदम यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने और लंबी प्रतीक्षा सूची को कम करने के लिए उठाया गया था, खासकर गर्मियों में पर्यटकों की भीड़ और त्योहारी सीजन के दौरान। ट्रेन गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।
ब्रह्मपुर-टाटानगर वंदे भारत एक्सप्रेस: एक दक्षिण-उत्तर कॉरिडोर
ओडिशा के दक्षिणी तट और खनिज समृद्ध उत्तर की सेवा करते हुए, ब्रह्मपुर-टाटानगर वंदे भारत एक्सप्रेस (20892) ने लंबे समय से चली आ रही कनेक्टिविटी की कमी को पूरा किया है।
यह ट्रेन 9 घंटे और 25 मिनट में 590 किलोमीटर की यात्रा करती है, जो ब्रह्मपुर को झारखंड के टाटानगर से जोड़ती है। प्रमुख पड़ावों में बालूगांव, खुर्दा रोड, भुवनेश्वर, कटक, केंदुझरगढ़ और चाईबासा शामिल हैं।
प्रस्थान (ब्रह्मपुर से): सुबह 5:15 बजे
आगमन (टाटानगर में): दोपहर 2:40 बजे
सप्ताह में छह दिन (गुरुवार को छोड़कर) संचालित होने वाली यह ट्रेन ओडिशा और झारखंड के बीच यात्री यातायात और आर्थिक आदान-प्रदान दोनों को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस: स्टील सिटी से मेट्रोपोलिस
राउरकेला-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस (20872) पश्चिमी ओडिशा को कोलकाता से जोड़ने वाली एक और तेज़ और कुशल सेवा है।
यह ट्रेन लगभग 6 घंटे और 15 मिनट में 413 किलोमीटर की दूरी तय करती है, जिसमें चक्रधरपुर, टाटानगर और खड़गपुर में महत्वपूर्ण स्टॉपेज हैं।
प्रस्थान (राउरकेला से): दोपहर 1:35 बजे
आगमन (हावड़ा): शाम 7:50 बजे
सप्ताह में छह दिन (रविवार को छोड़कर) चलने वाली यह ट्रेन छात्रों, पेशेवरों और व्यापारियों के लिए इन दोनों शहरों के बीच परिवहन का पसंदीदा साधन बन गई है।
भुवनेश्वर-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस: तटीय तेज़ लेन
ओडिशा की राजधानी को आंध्र प्रदेश के प्रमुख बंदरगाह शहर से जोड़ने वाली, भुवनेश्वर-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस (20841) ने यात्रा के समय में काफी कमी की है और पर्यटन को बढ़ावा दिया है।
443 किलोमीटर की यह यात्रा सिर्फ़ 6 घंटे में पूरी होती है, जिसमें ट्रेन बालूगांव, ब्रह्मपुर, पलासा, श्रीकाकुलम रोड और विजयनगरम में रुकती है।
प्रस्थान (भुवनेश्वर से): सुबह 5:15 बजे
आगमन (विशाखापत्तनम): सुबह 11 बजे
यह रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है और इस क्षेत्र में यात्रियों की संख्या के मामले में यह सबसे तेजी से बढ़ते मार्गों में से एक है।
रायपुर-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस: पश्चिमी ओडिशा से होकर
हालांकि यह छत्तीसगढ़ के रायपुर से शुरू होती है और विशाखापट्टनम में समाप्त होती है, यह वंदे भारत एक्सप्रेस (20829) टिटलागढ़ और रायगढ़ा सहित पश्चिमी ओडिशा के प्रमुख जिलों से होकर गुजरती है।
527 किलोमीटर की यात्रा में लगभग 7 घंटे और 32 मिनट लगते हैं। सप्ताह में छह दिन (रविवार को छोड़कर) संचालित होने वाली इस सेवा ने तीन राज्यों में महत्वपूर्ण पूर्व-पश्चिम संपर्क खोल दिया है।
प्रस्थान (दुर्ग से): सुबह 5:45 बजे
आगमन (विशाखापट्टनम में): दोपहर 1:50 बजे
यह ओडिशा के अंदरूनी इलाकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जहां पहले तेज और आरामदायक लंबी दूरी की यात्रा के विकल्प नहीं थे।
ओडिशा में रेल यात्रा का आधुनिक युग
ये छह वंदे भारत ट्रेनें मिलकर ओडिशा में रेल यात्रा को नई परिभाषा दे रही हैं। ये न केवल यात्रा के समय को काफी कम करती हैं, बल्कि यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव भी प्रदान करती हैं।
पुरी-हावड़ा एक्सप्रेस जैसी सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता और हाल ही में इसका अपग्रेडेशन यात्रा की मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक रेल बुनियादी ढांचे पर राज्य की बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है।
भविष्य में और अधिक मार्गों की घोषणा होने की संभावना के साथ, ओडिशा भारत के विस्तारित सेमी-हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में एक केंद्रीय नोड बनने की राह पर है।