लद्दाख में मजदूरों को छोड़कर भागा ठेकेदार, कई दिन सुनसान जंगलों में भटकने के बाद झारखंड पहुंचे
कोरोना संक्रमण बढ़ने और उसके बाद देशभर में लॉक डाउन लगने से बाहर गए मजदूरों का उत्पीड़न भी चालू हो गया है। झारखंड से लद्दाख गए मजदूरों की भी स्थिति ऐसी ही रही। 19 मजदूर गुरुवार देर शाम को जम्मूतवी स्पेशल ट्रेन से रांची पहुंचे और इसी दिन दुमका स्पेशल ट्रेन से अपने गांव के लिए रवाना हो गए।
जाने से पूर्व से निमय पॉल, विभाष कुमार, राम कृष्ण पॉल आदि मजदूरों ने आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कुछ दिन पूर्व हमें झारखंड से बस के माध्यम से जम्मू होते हुए लद्दाख ले जाया गया था। जब वहां पहुंचे तो लद्दाख के प्रशासन ने ठेकेदार से बाहर से मजदूरों को कोविड काल में लाने पर आपत्ति जताई और उन्हें वापस ले जाने की बात कही। इसके बाद ठेकेदार सभी 66 मजदूरों को छोड़कर भाग गया। कई दिनों तक सुनसान जगहों में किसी तरह रहे। जहां खाने-पीने रहने तक की समस्या हो गई थी।
किसी तरह सुनसान जंगलों को पार करते हुए एक थाने तक हम पहुंचे और वहां के अधिकारियों को सारी कहानी बताई। वहां पहुंचने पर हमलोगों को खाने को दिया गया। इसके बाद पुलिस ठेकेदार को खोज कर लाई और दबाव बनाकर सभी मजदूरों को वापस भेजने को कहा। इसके बाद हमें बस के माध्यम से पहाड़ी इलाकों से नीचे लगाया गया और किसी तरह जम्मू भेजा गया। जहां 19 मजदूरों को छोड़ अन्य मजदूर कमाने के लिए दूसरी फैक्ट्री में काम करने के लिए रूक गए, क्योंकि उनके पास एक भी पैसे घर ले जाने के लिए नहीं थे। जबकि अन्य मजदूर स्पेशल ट्रेन से झारखंड के लिए रवाना हो गए।