झारखंड हाई कोर्ट परिसर में पुलिस के उस समय हाथ पांव फूल गए जब 22 जिलों से पड़हा पंचायत के प्रतिनिधि भारत का राजपत्र का खुदा हुआ शिलापट्ट स्थापित करने के लिए हाईकोर्ट के गेट नंबर 1 के समीप डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने स्थापित करने के लिए पहुंच गए। दरअसल, हाईकोर्ट के सामने इतनी भीड़ देखने के बाद स्थानीय थाना की पुलिस पहुंची और उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया। लेकिन पड़हा जनजाति के लोग नहीं माने, जिसके बाद आनन-फानन में पांच थानेदार, डीएसपी, एसडीओ और एसपी पहुंचे और करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें वहां से समझा-बुझाकर हटाया गया।
गैजेट स्थापित करने पहुंचे पड़हा पंचायत के सदस्यों का कहना है कि संविधान के पांचवी और छठी अनुसूची पैरा 6 के उप पैरा 2 के तहत आदिवासियों के अधिकार को यहां के सरकार और अधिकारी लागू नहीं होने देना चाहते हैं और यही वजह है कि यहां के आदिवासी दबे और शोषित हो रहे हैं। उन्होंने यह साफ कहा कि पांचवी और छठी अनुसूची के तहत झारखंड के आदिवासियों पर कोई केस मुकदमा लागू नहीं होता और इनका कानून भी अलग है।