भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव में स्पेन के राजदूत महामहिम जुआन एंटोनियो मार्च पुजोल ने शनिवार को कहा कि समझदारी और सूझबूझ ही विश्व शांति की स्थापना की कुंजी है। यहां शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (एसओए) के छात्रों से बातचीत करते हुए पुजोल ने कहा कि दुनिया में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है और इसे हासिल करने के लिए हमें बुद्धिमत्ता और समझदारी की जरूरत है।
छात्रों के समक्ष डिप्लोमा के रूप में अपने अनुभव बताते हुए पुजोल ने कहा कि असफलताएं वास्तव में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती हैं। न्होंने 10 साल की उम्र में ही राजनयिक बनने का फैसला कर लिया था और उस समय यूनाइटेड किंगडम में पढ़ाई कर रहे थे।
पुजोल ने कहा कि कोविड महामारी और इसके प्रकोप के बाद दुनिया भर में लगाए गए अभूतपूर्व लॉकडाउन ने मानवता को कई सबक सिखाए हैं। इसने मनुष्यों को प्रकृति से जुड़ने में भी मदद की है।
सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यक्ति के लिए सही आचरण पर जोर देना अधिक महत्वपूर्ण है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को मानव जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए पुजोल ने छात्रों को इस पर बहुत अधिक निर्भर न होने की सलाह दी। पुजोल ने सोआ के विकास की सराहना की और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पेश किए जा रहे मेडिकल पाठ्यक्रम समाज के लिए एक बड़ा योगदान है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे सोआ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार नंद ने कहा कि विश्वविद्यालय ने भाषा अध्ययन केंद्र शुरू किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भारतीय भाषाओं के अलावा स्पेनिश, जापानी, जर्मन, फ्रेंच और मंदारिन भाषाएं भी पढ़ाई जाएंगी। सोआ की प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) नीता मोहंती और डीन (छात्र कल्याण) प्रो. ज्योति रंजन दास ने भी बात की। बैठक में सोआ के विभिन्न संस्थानों के डीन और निदेशक तथा वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।