पिछले दो साल में ओडिशा के 207 प्रवासी श्रमिकों की हुई मौत

  • Feb 18, 2025
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भुवनेश्वर,18 फरवरीः

दूसरे राज्यों में काम करने के दौरान पिछले दो सालों में ओडिशा के कुल 207 प्रवासी श्रमिकों की मौत हुई है। यह जानकारी श्रम एवं कर्मचारी राज्य बीमा मंत्री गणेश रामसिंह खुंटिया ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में विधायक उपासना महापात्र के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

 बयान में बताया गया कि राज्य सरकार श्रमिकों के शवों को वापस लाने और उनका अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे खर्च करती है। पिछले दो सालों में सरकार ने इस पर कुल 30,29,854 रुपये खर्च किए हैं।

 पिछले दो वर्षों, 2023 से जनवरी 2025 के दौरान शवों को स्थानांतरित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए कुल खर्च इस प्रकार हैं-

अंगुल - 32,500 रुपये

बालेश्वर - 2,07,600 रुपये

भद्रक- 1,58,000 रुपये

बलांगीर- 2,96,780 रुपये

गजपति - 1,20,000 रुपये

छत्रपुर- 80,000 रुपये

ब्रम्हपुर - 78,000 रुपये

झारसुगुड़ा- 30,000 रुपये

कलाहांडी - 5,80,000 रुपये

कंधमाल - 52,884 रुपये

केंदुझर - 76,380 रुपये

कोरापुट- 30,240 रुपये

मलकानगिरी- 2,05,000 रुपये

मयूरभंज - 1,95,500 रुपये

नवरंगपुर – 61,000 रुपये

नुआपड़ा – 4,00,000 रुपये

पुरी – 1,38,970 रुपये

रायगड़ा – 90,000 रुपये

सुवर्णपुर – 60,000 रुपये

सुंदरगढ़ – 1,37,000 रुपये

 मंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई मृतक श्रमिक ओडिशा भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में नामांकित है, तो उसके परिवार को प्राकृतिक या आकस्मिक मृत्यु के मामले में अंतिम संस्कार लागत सहित सहायता मिलती है। इसी तरह, ओडिशा असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों के परिवारों को भी सहायता मिलती है।

 इसके अलावा, कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत, श्रमिकों की शिकायतों पर विचार करने के बाद उनके परिवारों को मुआवजा प्रदान किया जाता है।

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Khabar East

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