ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर, जिसे 13 अप्रैल 1948 को राजधानी का दर्जा दिया गया था, आज अपनी 77वीं जयंती मना रही है। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राजधानी को यह शुभ नाम दिया था। समय के साथ भुवनेश्वर का कद बढ़ता गया है। आज शहर अपना 77वां स्थापना दिवस सरकारी और निजी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मना रहा है।
इस अवसर पर शाम को उत्कल मंडपम में एक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति, नेता, मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे। स्थापना दिवस के लिए शहर को सजाया गया है, सड़कों और विधानसभा, लोक सेवा भवन और कमिश्नरेट पुलिस कार्यालय, एजी कार्यालय जैसी महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को रंग-बिरंगी मालाओं और फैंसी लाइटों से सजाया गया है।
सुरमा पाढ़ी ने बीएमसी मेयर सुलोचना दास की मौजूदगी में आधारशिला पट्टिका पर पुष्पांजलि अर्पित की। एक विशेष परेड का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस की 21 टुकड़ियां और कॉलेज वस्कूलों के छात्र शामिल थे।
उस समय 15,000 की आबादी के साथ भुवनेश्वर ने कटक की जगह ओडिशा की नई राजधानी बनाई। अब, राजधानी में 1.5 मिलियन से ज़्यादा लोग रहते हैं। भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) का गठन 14 अगस्त, 1994 को हुआ था। 77 वर्षों में, भुवनेश्वर एक स्मार्ट शहर में तब्दील हो गया है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और आईटी के केंद्र के रूप में उभर रहा है।