मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को लोक सेवा भवन में ओडिशा आदिवासी महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की और राज्य की जनजातीय आबादी और उनके समग्र विकास से संबंधित ज्वलंत मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान, महासंघ के सदस्यों ने राज्य भर में आदिवासी समुदाय के कल्याण में सुधार के उद्देश्य से कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि आदिवासियों का सर्वांगीण विकास उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदिवासी समुदायों सहित गरीबों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करने का हवाला देते हुए माझी ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हाल की पहलों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार जल्द ही आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए उत्तर ओडिशा विकास परिषद और दक्षिण ओडिशा विकास परिषद का गठन करेगी।
उन्होंने महासंघ से आदिवासी समाज से अंधविश्वासों को मिटाने में मदद करने का आह्वान किया और दोहराया कि उठाई गई सभी चिंताओं का समाधान बातचीत के माध्यम से किया जाएगा।
बैठक में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री नित्यानंद गोंड, नवरंगपुर विधायक गौरीशंकर मांझी, महासंघ अध्यक्ष कर्मा लाकड़ा, महासचिव शरत चंद्र नायक और लगभग 11 जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।