ओडिशा हाईकोर्ट ने कटक में आगामी त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कड़े निर्देश जारी किए हैं। नागरिक मुद्दों से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषणकारी पटाखों, तेज़ संगीत और बिजली के गेटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि धार्मिक पूजाओं के दौरान ध्वनि का स्तर 65 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, न्यायालय ने कटक के ज़िला मजिस्ट्रेट और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को पूरे समारोह के दौरान ध्वनि के स्तर की कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया। ध्वनि प्रणालियों का उपयोग प्रति कार्यक्रम केवल चार ध्वनि बॉक्स तक सीमित रहेगा, जिससे ध्वनि प्रदूषण की संभावना काफी कम हो जाएगी।
न्यायालय ने सड़कों पर सजावटी मेहराबों (तोरण) के निर्माण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और पूरे शहर में बिजली के गेटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, कुछ विशिष्ट शर्तों के तहत कुछ विद्युत गेट की अनुमति दी जा सकती है, जिन्हें ज़िला मजिस्ट्रेट द्वारा दशहरा उत्सव से पहले इस रविवार को पूजा समितियों के साथ एक बैठक के दौरान अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
यह नियम गणेश पूजा से लेकर बाली यात्रा तक लागू रहेंगे। पूजा पंडालों के लिए परमिट जारी करने से पहले, अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी अग्नि व विद्युत सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए और उच्च न्यायालय के ध्वनि तथा सुरक्षा प्रतिबंधों का पालन किया जाए।
कटक के डीसीपी को उत्सव के दौरान इन निर्देशों के प्रवर्तन की निगरानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। कटक अपने बहुप्रतीक्षित त्योहारी सीज़न की तैयारी कर रहा है, ऐसे में ये उपाय पारंपरिक उत्सव के साथ-साथ पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और सार्वजनिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए संतुलित हैं।