ओडिशा सरकार ने प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू की है। अब स्कूली छात्रों निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें मिलेंगी और सरकारी बसों में आने-जाने का किराया भी नहीं देना पड़ेगा। राज्य के स्कूल व जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने शुक्रवार को इस ऐतिहासिक कदम का ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि सभी स्कूली छात्र अब सरकार द्वारा संचालित बसों में मुफ्त आवागमन कर सकते हैं। सरकारी बसों में आने-जाने के लिए उन्हें केवल अपना पहचानपत्र दिखाना होगा। इस पहल का उद्देश्य माता-पिता पर आर्थिक बोझ को कम करना और स्कूलों तक परेशानी मुक्त पहुंच सुनिश्चित करना है। इससे खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चों काफी फायदा होगा।
मंत्री ने कहा कि स्कूल का ड्रेस पहने और पहचान पत्र रखने वाले छात्रों से सरकार द्वारा संचालित बसों में यात्रा शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इसके अलावा, कक्षा-1 से कक्षा-10 तक के छात्रों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें प्रदान की जाएंगी। इससे पहले, सिर्फ एससी और एसटी छात्रों को मुफ्त में पाठ्यपुस्तकें मिलती थीं।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन मझी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन साल में 44,433 शिक्षकों को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, जेटीएस को नियमित किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
ओडिशा सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप प्राथमिक शिक्षा में व्यापक सुधारों को लागू करने की तैयारी भी कर रही है।
शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए ओडिशा मूलभूत स्तर पर योग्यता-आधारित और कौशल-उन्मुख सीखने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। एनसीईआरटी फ्रेमवर्क के अनुरूप स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग को विकसित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। गोंड ने कहा कि हर बच्चे को गुणात्मक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा।