झारखंड विधानसभा में राज्य सरकार ने अबुआ बजट विधानसभा में पेश किया है। यह हेमंत सोरेन के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन के पटल पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट रखा। उन्होंने कहा कि जिन उद्देश्य के लिए राज्य का निर्माण हुआ यहां वो हो नहीं पाया। राज्य की संपूर्ण जनता जानती है कि राज्य की समस्याओं से सीएम अवगत थे लेकिन बीच में उन्हें किस तरह की पीड़ा से गुजरना पड़ा था। इस बजट में कई लोगों के सुझाव आये थे जिसे राज्य के बजट में शामिल किया गया है। इसलिए सरकार ने इसे अबुआ बजट का नाम दिया गया है। इस बजट के माध्यम से राज्य के निचले स्तर के लोगों तक पहुंचने का काम किए हैं। वित्त मंत्री ने कहा गठबंधन की सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने बजट पेश करने के दौरान सरकार की कई योजनाओं को गिनने का काम किया। राज्य के विकास का दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इस बजट में ऊर्जा विभाग के लिए 9894 करोड़ 35 लाख 53 हजार, उद्योग विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 450 करोड़, उद्योगों के विकास और विस्तार खासकर मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रधानता देते हुए उद्योग विभाग के लिए 486 करोड़ 31 लाख 61 हजार का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री उज्जवल झारखंड योजना के तहत 500 करोड़, 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली के लिए 5005 करोड़ 9 लाख रुपए, ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 4576 करोड़ 30 लाख 73000, पथ निर्माण विभाग के लिए 5900 करोड़ 89 लाख 28 हजार रुपए और वन विभाग के लिए 1381 करोड़ 99 लाख 30 हजार रुपए का बजट में प्रावधान किया गया है।