इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और सम अस्पताल में मस्कुलोस्केलेटल सोसाइटी इंडिया (एमएसएस) द्वारा आयोजित एक मध्यावधि सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम में हड्डी के ट्यूमर के मुद्दे और इससे जुड़े हस्तक्षेप पर चर्चा की गई। दिन भर चले सेमिनार को संबोधित करने वाले वक्ताओं ने इमेजिंग तकनीक में नवीनतम प्रगति और हड्डी के ट्यूमर से निपटने की विधि के साथ-साथ बीमारी में रेडियोग्राफ की प्रासंगिकता पर ध्यान केंद्रित किया।
ओडिशा रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (ओआरआईए) और आईएमएस और सम अस्पताल के सहयोग से आयोजित सीएमई का विषय एमएसके ट्यूमर इमेजिंग और इंटरवेंशन था।
मस्कुलोस्केलेटल सोसाइटी के अध्यक्ष और कार्यक्रम के सह-आयोजक अध्यक्ष डॉ. जयराज गोविंदराज ने हड्डी के ट्यूमर में न्यूक्लियर स्कैन के बारे में बात करते हुए इसे गेम चेंजर बताया। उन्होंने ज्ञान को उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि छात्रों के लिए प्रौद्योगिकी को जानना महत्वपूर्ण है।
सीएमई के आयोजन अध्यक्ष डॉ. सत्या एस.जी. महापात्र ने हड्डी के ट्यूमर के निदान और इमेजिंग तौर-तरीकों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
कार्यक्रम का आयोजन सचिव डॉ. आद्या किंकर पंडा और एमएसएस सचिव और सह-आयोजन सचिव डॉ. धर्मेंद्र के. सिंह ने भी सेमिनार को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
डॉ. पंडा ने कहा कि बच्चे हड्डी के ट्यूमर से अधिक प्रभावित होते हैं, हालांकि समय पर निदान और उचित उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।