भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के हॉस्टल में नेपाली छात्रा की कथित खुदकुशी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसमें नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के हस्तक्षेप के बाद नेपाली दूतावास, ओडिशा सरकार से लेकर पुलिस तक सक्रिय हो गई है। पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि छात्रों के साथ बदसलूकी करने के आरोप में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
ओडिशा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है। इस कमेटी में होम डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को सदस्य बनाया गया है। ये कमेटी छात्रा की मौत और उसके बाद प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच करेगी। इस मामले में पहले ही जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं।
इस मामले में मृतक प्रकृति लमसाल के चचेरे भाई सिद्धांत सिग्दल की तहरीर पर भुवनेश्वर के इन्फोसिटी पुलिस स्टेशन में एक आरोपी आदविक श्रीवास्तव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत केस दर्ज किया गया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, केआईआईटी के दो सिक्योरिटी गार्डों रमाकांत नायक (45) और जोगेंद्र बेहरा के खिलाफ बीएनएस की धारा 126 (2)/296/115(2)/3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।
केआईआईटी हॉस्टल के एक अधिकारी ने छात्र विरोध-प्रदर्शन को संभालने के दौरान नेपाल के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरा इरादा कभी किसी को अपमानित करने का नहीं था। यदि मेरे शब्दों से किसी को अनजाने में ठेस पहुंची है तो मुझे गहरा खेद है। वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक संगठन बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि वो एक स्वतंत्र संगठन चाहते हैं, जो जरूरत पड़ने पर उनकी रक्षा कर सके।
सरकार-पुलिस पर है भरोसा
मृतक छात्रा के पिता सुनील लामसाल ने कहा कि मैंने अपनी बेटी को खो दिया है। यहां कई अन्य बच्चे पढ़ रहे हैं। पता चला है कि कुछ छात्रों को उनके छात्रावास से निकाल दिया गया। यह सही नहीं है। इस घटना को दोहराया नहीं जाना चाहिए। ये लोग नेपाल जाते हैं और छात्रों को यहां पढ़ने के लिए बुलाते हैं। संस्थान ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया है। उन्होंने अपनी बेटी की मौत पर न्याय पाने के लिए सरकार और पुलिस पर भरोसा जताया।
मृतक छात्रा के पिता सुनील लामसाल ने कहा कि मैंने अपनी बेटी को खो दिया है। यहां की अन्य बच्चे पढ़ रहे हैं। पता चला है कि कुछ छात्रों को उनके छात्रावास से निकाल दिया गया। यह सही नहीं है। इस घटना को दोहराया नहीं जाना चाहिए।