तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा दल के भीतर चल रही ‘गृहयुद्ध’ अब व्हाट्सएप ग्रुप से निकलकर खुल्लमखुल्ला सार्वजनिक मंच पर आ गई है। लोकसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन कर अपनी ही पार्टी के तीन सांसदों पर तीखा हमला बोला। कल्याण ने स्पष्ट रूप से दमदम से सांसद सौगत राय और बर्दवान-दुर्गापुर से सांसद तथा पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद का नाम लिया। हालांकि, तीसरे सांसद का नाम उन्होंने सीधे नहीं लिया, लेकिन उनके इशारों से स्पष्ट था कि वह कृष्णनगर से सांसद महुआ मोइत्रा की ही बात कर रहे थे। सौगत राय और एक महिला सांसद ( महुआ मोइत्रा) को एक ही श्रेणी में रखते हुए कल्याण ने आरोप लगाया कि सौगत राय का कोई चरित्र है क्या ? क्या आप भूल गए कि नारदा कांड में उसने पैसा लिया था ? चोरों और इधर-उधर से उपहार लेने वाले (महुआ) सब एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं। ऐसे ‘दू नंबरियों’ को एकजुट होने में देर नहीं लगती।
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर पिछले कार्यकाल के अंत में संसद से निकाल दिया गया था। उन पर विदेश में रह रहे एक व्यापारी से उपहार लेकर संसद में अडाणी और मोदी के खिलाफ सवाल उठाने का आरोप था। कल्याण ने उपहार लेने का जिक्र कर अप्रत्यक्ष रूप से इसी ओर इशारा किया। महुआ मोइत्रा ने अब तक सार्वजनिक रूप से कल्याण के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के सूत्रों का कहना है कि महुआ ने कल्याण के ‘दुर्व्यवहार’ को लेकर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जो मंगलवार सुबह कालीघाट स्थित उनके आवास पर पहुंच चुका था। इसके बाद ही कल्याण ने प्रेस वार्ता की। कई लोगों का मानना है कि अगर ममता बनर्जी ने महुआ का पत्र पढ़ने के बाद भी कल्याण को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने दिया, तो संभवतः उन्हें इसका अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। हालांकि कुछ का यह भी कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि ममता ने पत्र खोला और पढ़ा या नहीं।