भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भुवनेश्वर के लोअर पीएमजी में बीजू जनता दल (बीजद) के विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई रबर की गोलियां नहीं चलाई गईं। यह बयान बीजद नेताओं के उन आरोपों के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि पुलिस ने लोक सेवा भवन के घेराव के दौरान रबर की गोलियां चलाने सहित अत्यधिक बल प्रयोग किया।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा दो पुलिस बैरिकेड तोड़ने के बाद केवल पानी की बौछारें और पांच आंसू गैस के गोले दागे गए। उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शन स्थल पर ड्रोन निगरानी और एआई कैमरों के माध्यम से स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही थी।
बालेश्वर के एफएम कॉलेज की छात्रा सौम्यश्री बीसी की दुखद मौत के विरोध में यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया था। कुछ ही समय में यह प्रदर्शन अराजक हो गया।
सिंह के अनुसार, हालांकि विरोध प्रदर्शन पुलिस द्वारा पूर्व-अनुमोदित था, लेकिन बीजद कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेड्स तोड़ने पर स्थिति बिगड़ गई, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने कहा कि झड़प के दौरान सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि वे कैपिटल अस्पताल में उनसे मिलने गए थे।
कमिश्नरेट पुलिस ने झड़प के दौरान 100 से ज़्यादा बीजद कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रणब प्रकाश दास और प्रीतिरंजन घड़ेई सहित कई पार्टी नेताओं को कथित तौर पर झड़प के दौरान चोटें आईं। हालांकि बीजद ने "राज्य दमन" और रबर की गोलियों के कथित इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है, लेकिन पुलिस ने इन दावों का पुरज़ोर खंडन किया है।
इस घटना ने ओडिशा में चल रहे राजनीतिक संघर्ष को और तेज़ कर दिया है। बीजद नेता विरोध करने के अपने अधिकार पर ज़ोर दे रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि उनकी प्रतिक्रिया सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन के अनुरूप थी।