हाल ही में स्वीकृत ओडिशा एआई नीति को आगे बढ़ाने और राज्य में एआई आधारित विकास को गति देने के उद्देश्य से 18 दिसंबर को यहां सोआ (शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान) डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में एक दिवसीय ओडिशा एआई सिम्पोजियम 2025 का आयोजन किया जाएगा। इस सिम्पोजियम में देश-विदेश के प्रख्यात एआई विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
एसओए के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद ने मंगलवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम सोआ द्वारा ओडिशा सोसाइटी ऑफ अमेरिका (OSA) और आईआईटी भुवनेश्वर के एआई और एचपीसी सेंटर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सिम्पोजियम में नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, नवाचारकर्ताओं, उद्यमियों, निवेशकों और एआई इकोसिस्टम से जुड़े प्रमुख हितधारकों को एक साझा मंच पर लाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस सिम्पोजियम में इस बात पर व्यापक चर्चा होगी कि स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभावी उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।
सिम्पोजियम के दौरान भारत और विदेशों से आए प्रमुख एआई विशेषज्ञों के कीनोट भाषण, शिक्षा जगत, उद्योग और नीति से जुड़े थिंक टैंकों के साथ थीमैटिक पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही शोधकर्ताओं, नवाचारकर्ताओं, स्टार्टअप्स, कॉरपोरेट प्रतिनिधियों और नीति-निर्माताओं के बीच प्रत्यक्ष संवाद का अवसर भी मिलेगा।
इस अवसर पर एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका के कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर प्रो. चिट्टा बराल, आईआईटी भुवनेश्वर के एआई और एचपीसी रिसर्च सेंटर के निदेशक प्रो. अश्विनी कुमार नंदा, टफ्ट्स इंस्टीट्यूट फॉर एआई, अमेरिका के डेटा साइंस सेंटर के निदेशक प्रो. अबनी पात्र, सोआ के निदेशक प्रो. मानस कुमार मलिक, आईआईटी भुवनेश्वर के प्रो. एस सामंतराय और सोआ के इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संकाय की अतिरिक्त डीन (छात्र मामलों) प्रो. रेणु शर्मा भी उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. नंद ने कहा कि ओडिशा की बड़े पैमाने की एआई मिशन से पहले यह सिम्पोजियम एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक सहयोग, डीप-टेक समाधान और स्केलेबल व टिकाऊ एआई अपनाने के लिए भविष्य उन्मुख रोडमैप तैयार करना है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एआई के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं।
प्रो. चिट्टा बराल ने बताया कि सिम्पोजियम के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में एआई इन एजुकेशन एंड स्किलिंग, एआई इन हेल्थकेयर, एआई इन एग्रीकल्चर, एआई एथिक्स और एआई इन सिक्योरिटी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि ओडिशा को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
सिम्पोजियम में एजेंटिक एआई पर भी एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। एजेंटिक एआई, एआई का एक उन्नत स्वरूप है, जिसमें सॉफ्टवेयर एजेंट न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ स्वयं योजना बनाते हैं, तर्क करते हैं और विभिन्न प्रणालियों में कार्य कर जटिल लक्ष्यों को हासिल करते हैं। इस सत्र का शीर्षक होगा “बियॉन्ड द प्रॉम्प्ट: डिकोडिंग गूगल्स एजेंटिक एआई”।
यह सिम्पोजियम इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए आधिकारिक प्री-इवेंट भी होगा। इस समिट के लिए सोआ को भारतीय एआई मिशन (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार) के साथ साझेदारी में मेजबान संस्थान के रूप में चुना गया है।
ओडिशा सोसाइटी ऑफ अमेरिका (OSA), जो विश्वभर में बसे ओड़िया समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे पुरानी और प्रभावशाली वैश्विक संस्थाओं में से एक है, अपने मजबूत प्रवासी नेटवर्क, तकनीकी उन्नति के प्रति प्रतिबद्धता और सामुदायिक सशक्तिकरण के अनुभव के साथ इस सिम्पोजियम में योगदान देगी। इससे ओडिशा को एआई आधारित नवाचार में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को वैश्विक समर्थन मिलेगा।
वहीं, आईआईटी भुवनेश्वर का एआई और एचपीसी रिसर्च सेंटर (AHRC) एक अंतःविषय और सहयोगात्मक शोध केंद्र है, जिसकी स्थापना मई 2023 में की गई थी। यह केंद्र अनुप्रयुक्त अनुसंधान, नवाचार और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग समाधानों को बढ़ावा देकर ओडिशा और उससे आगे सामाजिक एवं तकनीकी परिवर्तन लाने पर केंद्रित है।