भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा बंगाल की खाड़ी में चक्रवात मोन्था के बनने की चेतावनी जारी किए जाने के बाद, ओडिशा अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं। इसके लिए राज्यभर में व्यापक तैयारी की गई है।
फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज के महानिदेशक सुधांशु षडंगी ने कहा कि चक्रवात स्वयं नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन भारी बारिश और उसके बाद भूस्खलन कई इलाकों में अधिक खतरा पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कलिंग घाटी, मलकानगिरी के कुछ हिस्से और थुआमुल रामपुर जैसे इलाकों में अक्सर भूस्खलन या मिट्टी कटाव देखा जाता है। हमारी टीमें ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशनों के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, जिनमें नावें और प्रशिक्षित कर्मी शामिल हैं। बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में तेज़ और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए अनुभवी अग्निशमन अधिकारियों को राहत मिशनों का नेतृत्व सौंपा गया है।
पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। पुरी में लगभग 100 लाइफगार्ड तैनात किए गए हैं, जबकि अतिरिक्त टीमें गोपालपुर में समुद्र तट पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मौजूद हैं।
आपदा प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए गजपति, मलकानगिरी, ब्रम्हपुर और कोरापुट जिलों में 130 फायर और रेस्क्यू टीमों की तैनाती की गई है। प्रत्येक टीम को उन्नत उपकरणों और तकनीक से लैस किया गया है ताकि वे आग, बाढ़ बचाव और चक्रवात से जुड़ी आपात स्थितियों को संभाल सकें।
महानिदेशक षड़ंगी ने बताया कि विभाग जिला प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर तेज़ और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए लगातार समन्वय बनाए हुए है, क्योंकि चक्रवात धीरे-धीरे तट की ओर बढ़ रहा है।