सतत ऊर्जा में परिवर्तन के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, ओडिशा सरकार ने 600 मेगावाट अपर इंद्रावती पंप स्टोरेज परियोजना व प्रबंधन परामर्श सेवाओं के लिए ओडिशा हाइड्रो पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (OHPC) और WAPCOS लिमिटेड के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मुखिगुड़ा में स्थित इस परियोजना का उद्देश्य एक विशाल ऊर्जा भंडारण प्रणाली प्रदान करना है जो अधिशेष बिजली उपलब्धता के दौरान निचले जलाशय से ऊपरी जलाशय में पानी पंप करती है और इसे पीक डिमांड अवधि के दौरान बिजली उत्पन्न करने के लिए छोड़ती है। इससे उत्पादन और मांग को संतुलित करने में मदद मिलेगी, जिससे बिजली प्रणाली स्थिरता सुनिश्चित होगी।
यूआईपीएसपी में चार रिवर्सिबल-टाइप फ्रांसिस हाइड्रोइलेक्ट्रिक इकाइयों वाला एक भूमिगत बिजलीघर होगा, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 150 मेगावाट होगी, जो कुल मिलाकर 600 मेगावाट होगी। परियोजना पंपिंग और उत्पादन दोनों मोड में काम करेगी, जिससे दो जलाशयों के बीच पानी का संचार होगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि यह सहयोग ओडिशा के ऊर्जा क्षेत्र को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह दक्षता और स्थिरता सुनिश्चित करता है। यह परियोजना 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के भारत के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।
जल संसाधन, ऊर्जा, ओएचपीसी और डब्ल्यूएपीसीओएस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।