दीघा के जगन्नाथ मंदिर में स्थानीय मजदूरों की भर्ती की मांग को लेकर गुरुवार सुबह स्थानीय निवासियों ने मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन से शहर में हलचल मच गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंदिर के सभी कामों के लिए बाहर से मजदूरों की भर्ती की जा रही है। ठेकेदार कंपनियां भी दूसरे जगहों से लोगों को काम पर रख रही हैं। ऐसे में स्थानीय मजदूरों को काम से वंचित होना पड़ रहा है। उनकी भर्ती की मांग को लेकर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। बढ़ते तनाव को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया है। जगन्नाथ धाम चौकी और दीघा थाने की पुलिस मौके पर है। पुलिस स्थानीय लोगों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि दीघा जगन्नाथ मंदिर परियोजना के बाद से ही मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि यहां के स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के बड़े अवसर होंगे। ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों में से एक राधारमण दास ने दावा किया है कि जगन्नाथ मंदिर दीघा के सामाजिक-आर्थिक स्वरूप को आमूलचूल बदलने जा रहा है। उनके अनुसार, “जब हजारों भक्त यहां आएंगे, तो इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक स्वरूप बदल जाएगा। यहां के लोगों को लाभ होगा। होटल और परिवहन से जुड़े व्यवसायियों को लाभ होगा। फूल-माला बेचने वालों को लाभ होगा। लेकिन इस मामले में स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि रोजगार के अवसर तो हैं, लेकिन वे सभी स्थानीय निवासियों के लिए नहीं, बल्कि बाहरी लोगों के लिए हैं। इसके विरोध में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया गया।