पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग ने राज्य की बसों और मिनीबसों की फिटनेस प्रमाण पत्र प्रणाली को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अब जिन वाहनों में पर्याप्त पैर रखने की जगह, आरामदायक सीटिंग या निर्धारित सुरक्षा मानकों का अभाव पाया जाएगा, उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। परिवहन विभाग को लगातार यात्रियों, खासकर बुज़ुर्गों और महिलाओं से असुविधाजनक बसों को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने निर्देश जारी किया है कि हर बस में कम से कम 66 सेंटीमीटर सीट के पीछे की जगह, 31 सेंटीमीटर का गैंगवे और हर दरवाजे पर ग्रैब रेल अनिवार्य होगी।
खराब रखरखाव, निकली हुई लोहे की कीलें या रॉड, और घिसे हुए टायर पूरी तरह से प्रतिबंधित किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। नए नियमों का पालन अगले फिटनेस निरीक्षण या छह महीने के भीतर करना अनिवार्य होगा।