राज्य के हजारों विद्यार्थियों को डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिल पाई है। समस्या सिर्फ ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों की नहीं है, बल्कि एससी, एसटी और अन्य पिछड़े वर्गों के भी कई छात्र इस योजना से वंचित हैं। छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। इस कारण राज्यभर के छात्रों में आक्रोश है। इस मामले को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों के बैनर तले विद्यार्थियों ने कई बार आवाज उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लगातार लापरवाही और देरी से परेशान छात्रों ने बुधवार को राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित कल्याण भवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। सुबह से ही छात्र कल्याण भवन के पास जमा होने लगे और देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी ।इस दौरान छात्रों ने सरकार और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि कल्याण विभाग द्वारा जानबूझकर प्रक्रिया को धीमा किया जा रहा है। उनका कहना है कि मध्य विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति राशि बकाया है, लेकिन विभाग हर बार तकनीकी कारण बताकर पल्ला झाड़ रहा है। प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है। छात्रों ने मुख्यमंत्री, कल्याण मंत्री और विभागीय सचिव को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द बकाया राशि जारी करने की मांग की है।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभार्थियों को राशि मिल रही है, लेकिन सामान्य छात्रवृत्ति और पोस्ट मैट्रिक योजनाओं की राशि अब तक नहीं आई है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वे बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। छात्र संगठनों ने कहा कि शिक्षा और युवाओं के साथ ऐसा भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने सामूहिक रूप से सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द बकाया छात्रवृत्ति राशि जारी कर विद्यार्थियों की पढ़ाई और भविष्य को पटरी पर लाया जाए, नहीं तो यह आंदोलन आर-पार की लड़ाई के साथ समाप्त होगी।