राज्य के स्कूल व मास शिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश मंगलवार को कहा कि अब 11वीं कक्षा में 33 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले छात्रों का 12वीं कक्षा में स्वतः दाखिला नहीं हो पाएगा। अब उन्हें किसी भी हाल में 11वीं की कक्षा में 33 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाना होगा। अन्यथा उन्हे फेल घोषित कर दिया जाएगा। सरकार के इस कदम को शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों के जागरुक होने की दृष्टि से देखा जा रहा है। इससे अब 11वीं कक्षा के भी छात्र अपनी पढ़ाई में ध्यान देंगे।
हालाकि यदि छात्र 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में असफल होते हैं तो उन्हें पहला 15 फरवरी से 29 फरवरी के बीच और दूसरा मई के आखिरी सप्ताह में आयोजित होने वाली फर्स्ट रेमेडियल परीक्षा के साथ बैकलॉग परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए दो मौके मिलेंगे। इससे पहले 11वीं कक्षा की परीक्षा मात्र एक औपचारिकता मानी जाती थी। उस समय आसानी से 11वीं कक्षा के छात्रों का 12वीं में दाखिला हो जाता था। मौजूदा अभ्यास के अनुसार, प्रथम वर्ष की परीक्षा एक मॉक टेस्ट मानी जा रही है, जिसमें एक छात्र को परीक्षा में सिर्फ दूसरे वर्ष के लिए योग्य माना जाना था।