स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सूची में सोआ विश्वविद्यालय के 41 शोधकर्ताओं के नाम

  • Sep 21, 2025
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भुवनेश्वर, 21 सितंबरः

भुवनेश्वर स्थित शिक्षाअनुसंधान (सोआ) डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शोध क्षमता और अकादमिक उत्कृष्टता का लोहा मनवाया है। विश्वविद्यालय के कुल 41 शोधकर्ताओं को अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची (2025) में स्थान मिला है।

पिछले वर्ष से बड़ी उपलब्धि

ध्यान देने योग्य है कि वर्ष 2024 में सोआ विश्वविद्यालय के 32 वैज्ञानिक इस सूची में शामिल थे। इस बार 41 वैज्ञानिकों का चयन होना विश्वविद्यालय के लिए शोध कार्यों में लगातार प्रगति और बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है।

सूची की विशेषता

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की यह सूची एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त रैंकिंग है, जिसमें शोधकर्ताओं का चयन दो आधारों पर किया जाता है:

1. करियर-भर का प्रभाव

2. हालिया वर्ष का प्रभाव

इसके लिए विश्वभर के वैज्ञानिकों के प्रकाशन, उद्धरण (citations), सहलेखक (co-authorship) और शोध के वैश्विक प्रभाव जैसे पैमानों का मूल्यांकन किया जाता है।

सोआ से चयनित वैज्ञानिक

सोआ के जिन वैज्ञानिकों को इस सूची में स्थान मिला है, उनमें से 23 शोधकर्ता विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संकाय (ITER) से हैं। इसके अतिरिक्त, 11 शोधकर्ता विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित विभिन्न शोध केंद्रों से हैं। साथ ही 4 फार्मास्यूटिकल साइंसेज, 2 मेडिकल साइंसेज और 1 एग्रीकल्चरल साइंसेज से हैं।

इस सूची में शामिल कुछ प्रख्यात शोधकर्ता हैं: 

प्रो. प्रदीप्त कुमार दाश, पूर्व निदेशक, मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च सेल एवं पूर्व कुलपति

प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्र, प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन और प्रिंसिपल एडवाइजर (हेल्थ साइंसेज), पूर्व कुलपति

प्रो. कुलमणि परिडा, निदेशक, सेंटर फॉर नैनो साइंसेज एंड नैनोटेक्नोलॉजी

प्रो. लाला बिहारी शुक्ला, निदेशक, बायो-फ्यूल्स बायो-प्रोसेसिंग रिसर्च सेंटर

प्रो. हृदयनाथ ठताई, निदेशक, सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च

प्रो. संघमित्रा नायक, प्रमुख, सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी

इंजीनियरिंग संकाय (ITER) से चयनित

 इंजीनियरिंग संकाय से शामिल वैज्ञानिकों में प्रो. आरएनपी चौधरी, प्रो. मनोहर मिश्रा, प्रो. रश्मि आचार्य, प्रो. सत्य रंजन मिश्रा, प्रो. राजश्री दाश, प्रो. बिनोद कुमार साहू, प्रो. रेनु शर्मा, प्रो. निहारबाला देवी तथा अन्य प्रमुख शोधकर्ता शामिल हैं। इनके साथ ही डॉ. लोपामुद्रा आचार्य, डॉ. भव्यश्री प्रियदर्शिनी मिश्रा, डॉ. सत्यब्रत सुबुधि, डॉ. सेखर चंद्र राय, डॉ. शुभाश्री चौधरी आदि युवा शोधकर्ताओं ने भी स्थान पाया है।

अन्य संकायों से चयनित

फार्मास्यूटिकल साइंसेज से: प्रो. गौतम रथ, प्रो. अमित कुमार नायक, डॉ. विनीत कुमार राय, डॉ. अनिंदिता बेहरा

बायोटेक्नोलॉजी एवं रिसर्च सेंटर से: डॉ. सुजोग्य कुमार पंडा, डॉ. सुलग्ना पात्र, डॉ. दीप्ति प्रभा साहू

कृषि विज्ञान से: प्रो. ज्ञान रंजन राउत

सेंट्रल रिसर्च लैब से: प्रो. रवीन्द्र नाथ पाढ़ी

बायो-फ्यूल्स एवं प्रोसेसिंग रिसर्च सेंटर से: डॉ. देवव्रत प्रधान

CETMS से: प्रो. तापस रंजन राउतराय एवं डॉ. सुभस्मिता स्वाईं

  विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस उपलब्धि को राज्य और संस्थान दोनों के लिए गर्व का विषय बताया। सोआ की तरफ से कहा कि यह सफलता केवल व्यक्तिगत शोधकर्ताओं का सम्मान नहीं है, बल्कि संस्थान की रिसर्च-ड्रिवन अकादमिक संस्कृति का भी परिणाम है।

सोआ विश्वविद्यालय पहले से ही NIRF 2025 रैंकिंग में देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों में 15वें स्थानपर है। स्टैनफोर्ड की वैश्विक सूची में 41 वैज्ञानिकों का स्थान पाना न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश के लिए एक सम्मानजनक उपलब्धि है।

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