पटना नगर निगम द्वारा संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने और बार-बार नोटिस देने के बाद भी निगम के नोटिस की अवहेलना करने वाले सरकारी गैर सरकारी, संपत्ति मालिकों/संस्थानों पर ताला लगा कर उसे जब्त एवं कुर्की भी किया जाएगा। गौरतलब है कि इन बकायेदार भवनों की मार्किंग भी पूर्व में पटना नगर निगम द्वारा की जा चुकी है। बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 एवं इसके अंतर्गत अधिसूचित बिहार नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण और वसूली) नियमावली, 2013 और पटना नगर निगम कर तथा गैर-कर राजस्व वसूली विनियम, 2013 के अनुसार सभी संपत्तिधारकों को अपनी संपत्ति/सम्पत्तियों एवं रिक्त भूमि के संपत्ति कर/रिक्त भूमि कर निर्धारण कर स-समय भुगतान करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उक्त अधिनियम, नियमावली और विनियम के अनुसार विभिन्न कार्रवाई जिसमें मांग-पत्र जारी करना, निगम सेवायें बंद करना, चल संपत्ति की जब्ती और उसकी बिक्री, अचल संपत्ति की कुर्की और बिक्री, बैंक अकाउंट की कुर्की इत्यादि का प्रावधान है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय द्वारा 7 दिनों के अंदर भुगतान नहीं करने पर कुलपति कार्यालय, कॉलेज संपत्ति, गाड़ी सहित संस्थान के विभिन्न सामग्रियों की कुर्की जब्ती की जा सकती है। पटना नगर निगम द्वारा सरकार को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।पिछले वित्तिय वर्ष में सरकारी संस्थानों में पटना विश्वद्यालय एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पर सबसे अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की राशि बकाया थी। परन्तु पटना विश्वद्यालय द्वारा भुगतान कर दिया गया। अब पटना नगर निगम का पटना विश्वद्यालय पर सिर्फ इस वित्तीय वर्ष का 87 लाख रुपए बकाया है। जबकि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय अंतर्गत कॉलेज एवं शैक्षणिक संस्थानों पर कुल 13,57,94,034 रुपया बकाया है। इसमें से केवल एएन कॉलेज पर 12,27,16010 बकाया है।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थान विशेषकर एन कॉलेज पर सबसे अधिक बकाया है।संस्थान को नगर निगम द्वारा कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। परन्तु उनके द्वारा नोटिस को गंभीरता से नहीं लेते हुए अब तक भुगतान नहीं किया गया हैं। ऐसे में पटना नगर निगम द्वारा उनकी चल अंचल सम्पत्ति ( संस्थानों के अंदर स्थित कक्षा एवं कार्यालय के सामान, उपयोग किये जा रहे वाहन एवं अन्य सभी तरह कि सम्पत्तियों को ) पटना नगर निगम द्वारा जब्त किया जा सकता है।