केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत बंगाल सरकार को 680 करोड़ रुपये अनुदान दिए हैं। केंद्र यह धनराशि पंचायती राज संस्थाओं या ग्रामीण विकास संस्थाओं के लिए आवंटित करता है, जिसकी पहली किस्त अक्टूबर में राज्य कोष में जमा कर दी गई थी। ग्रामीण बंगाल की हजारों पंचायतों, सैकड़ों प्रखंडों और कई जिला परिषदों को इसका लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार को चालू वित्त वर्ष में संयुक्त (मूलभूत) अनुदान क्षेत्र के अंतर्गत देय धनराशि की पहली किस्त के रूप में यह धनराशि प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्य को इस धनराशि जारी कर दी। बंगाल की 3,224 ग्राम पंचायतों, 335 प्रखंडों और 21 जिला परिषदों को इसका लाभ मिलने वाला है। हालांकि यह नए वित्त वर्ष की पहली किस्त है, लेकिन इस संबंध में ‘केंद्रीय अनुदान’ पिछले कुछ महीनों से राज्य को मिल रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इस साल फरवरी तक राज्य को पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 के लिए धनराशि मिल चुकी है। पिछले वित्तीय वर्ष की चार किश्तों और नए वित्तीय वर्ष की पहली किश्त को मिलाकर केंद्र अब तक राज्य को 4,181 करोड़ रुपये दे चुका है। इसमें से 2,820 करोड़ रुपये संलग्न अनुदान के तहत और 2,099 करोड़ रुपये प्रतिबंधित अनुदान क्षेत्र के तहत दिए गए हैं। केंद्र 15वें वित्त आयोग के तहत संलग्न अनुदान क्षेत्र के तहत यह धनराशि हस्तांतरित करता है।
यह धनराशि मुख्य रूप से ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न विकास क्षेत्रों, जैसे सड़कें, स्ट्रीट लाइट, सौर ऊर्जा, के लिए आवंटित की जाती है और प्रतिबंधित अनुदान, गांवों में आपातकालीन सेवाओं, जैसे वर्षा जल शोधन, तालाब निर्माण सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि होती है।