केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को 'उत्कल केशरी' डॉ. हरेकृष्ण महताब को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें ओडिया अस्मिता का सच्चा राजनेता बताया। डॉ. महताब की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्मृति बैठक में केंद्रीय मंत्री बोल रहे थे।
प्रधान ने डॉ. महताब की 125वीं जयंती के राष्ट्रीय स्मरणोत्सव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को धन्यवाद दिया।
उन्होंने डॉ. महताब की 125वीं जयंती को एक साल तक मनाने की योजना बनाने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को भी धन्यवाद दिया।
प्रधान ने याद करते हुए कहा कि महताब उन अग्रणी व्यक्तित्वों में से एक थे जिन्होंने 1936 में भाषा के आधार पर नए ओडिशा के निर्माण में योगदान दिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान बहुत बड़ा था। डॉ. महताब ने ओडिशा और देश के हित में "वैभव" (शानदार जीवन) त्याग दिया और इस तरह उन्हें 'उत्कल केशरी' नाम मिला। वे ओडिशा के अंतिम प्रधानमंत्री और पहले मुख्यमंत्री थे। प्रधान ने कहा कि वे ओडिया अस्मिता के सच्चे राजनेता थे। ओडिशा के विकास में डॉ. महताब के योगदान पर प्रधान ने कहा कि हीराकुद बांध की कल्पना महताब ने की थी और उनके प्रयासों से इसका निर्माण हुआ। हीराकुद बांध के निर्माण के बाद ओडिशा के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुए। प्रधान ने बताया कि कैसे डॉ. महताब के 'गोअन मजलिस' कॉलम ने ग्रामीण ओडिशा में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाए। ओडिशा के इतिहास पर उनकी किताबें लोगों को पीढ़ियों तक प्रेरित करती रहेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कटक के सांसद भर्तृहरि महताब मौजूद थे।
इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया। इसके अलावा तीन पुस्तकों - डॉ. महताब के जीवन पर एक मोनोग्राफ और 'गांव मजलिस' के अंग्रेजी और हिंदी संस्करणों का विमोचन किया गया।
भारतीय डाक प्रमुख अखिलेश कुमार पांडे ने जहां टिकट और सिक्का जारी कर राष्ट्रपति को सौंपा, वहीं प्रधान ने गांव मजलिस के मोनोग्राफ और अंग्रेजी संस्करण का अनावरण किया और पहली प्रतियां मुर्मू को सौंपी। शेखावत ने गांव मजलिस के हिंदी संस्करण का विमोचन किया और राष्ट्रपति को इसकी पहली प्रति सौंपी।