ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा को किफायती बनाया जाना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवा हर घर तक पहुंच सके। शुक्रवार को यहां चौथे विश्व व्यापक क्रिटिकल केयर सम्मेलन (डब्ल्यू4सी) और दूसरे ओडिशा क्रिटिकन 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिंहदेव ने कहा कि बड़े शहरों में हर तरह की अच्छी चिकित्सा सेवा उपलब्ध है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इलाज के लिए दूर-दूर से ऐसे अस्पतालों में लाया जाना पड़ता है। हमेशा ही लोगों की जान चली जाती है। चिकित्सा विज्ञान में करियर बनाने के इच्छुक युवा पुरुषों और महिलाओं को बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ता है और जब वे डॉक्टर बनते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से कतराते हैं। चिकित्सा शिक्षा को किफायती बनाने की जरूरत है ताकि हम गांवों में लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि ओडिशा की भाजपा सरकार राज्य में जमीनी स्तर पर चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ऐसा करने के इच्छुक किसी भी उद्यमी की मदद करने को तैयार है। गुरुवार को शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन इंडियन सोसाइटी फॉर क्रिटिकल केयर फाउंडेशन (आईएससीसीएम) के भुवनेश्वर चैप्टर के सहयोग से एसयूएम अल्टीमेट मेडिकेयर (एसयूएमयूएम) द्वारा किया जा रहा है। सम्मेलन का विषय है 'मल्टी-ऑर्गन फेलियर: प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट डीमिस्टीफाइड।' इस अवसर पर इस विषय पर एक पुस्तक का भी अनावरण किया गया। उद्घाटन सत्र में आईएससीसीएम के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार भट्टाचार्य, एसयूएमयूएम के सीईओ डॉ. श्वेतपद्मा दाश, डब्ल्यू4सी के अध्यक्ष सह प्रबंध ट्रस्टी प्रो. (डॉ.) नरेंद्र रूंगटा, एसयूएमयूएम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख और डब्ल्यू4सी के आयोजन अध्यक्ष डॉ. बनंबर रे और एसयूएमयूएम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार और कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. आनंद मिश्रा भी शामिल हुए।
इस अवसर पर सम्मेलन में भाग लेने वाले विदेश और भारत के कई गंभीर देखभाल विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। इनमें रोड आइलैंड में गंभीर देखभाल चिकित्सा के निदेशक प्रो. (डॉ.) मिशेल एम. लेवी, न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया के प्रो. (डॉ.) माइकल ओ'लेरी और किंग्स कॉलेज अस्पताल, लंदन के प्रो. (डॉ.) रूपेन आर्य शामिल थे। भारत से सम्मानित होने वाले विशेषज्ञों में डॉ. समीर साहू, डॉ. शर्मीली सिन्हा, डॉ. प्रज्ञान राउतराय और डॉ. प्रशांत कुमार शामिल थे।