भारत के आदिवासी भीतरी इलाकों में आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के केंद्र सरकार के प्रयास की जानकारी देते हुए केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री, बिश्वेश्वर टुडू ने कहा कि ओडिशा में 87 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) निर्माणाधीन हैं, जबकि उनमें से कई पहले ही बन चुके हैं।
टुडू ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मामला है। ओडिशा सहित कहीं भी आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलती है। वे किसी तरह 10वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी कर लेते हैं, लेकिन उन्हें उच्च शिक्षा या तकनीकी शिक्षा हासिल करने का कोई अवसर नहीं मिलता है।
इसलिए पीएम मोदी ने फैसला किया कि आदिवासी छात्रों को कक्षा 6वीं से 12वीं तक सीबीएसई पैटर्न के तहत शिक्षा मिलनी चाहिए। फिर वे इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं कर सकते हैं। तब उनका एक सफल करियर हो सकता है और आदिवासी आगे बढ़ सकते हैं।
ओडिशा में, 87 ईएमआरएस पर काम शुरू हो गया है। कुछ जगहों पर काम पूरा भी हो चुका है। मुझे लगता है कि यह 1-2 साल में पूरा हो जाएगा। ओडिशा में ऐसे 114 स्कूल होंगे और इनमें से प्रत्येक स्कूल में 500 छात्र होंगे। देशभर में ऐसे करीब 700 स्कूल होंगे।
उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा पास करने के बाद, हम उन्हें उच्च शिक्षा और अंततः यूपीएससी जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने में मदद करेंगे।