कृषि में आने वाली समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की जरूरत

  • Mar 12, 2024
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भुवनेश्वर, 12 मार्च:

अब समय आ गया है कि हम कृषि के घटते लाभ पर नजर डालें और मौजूदा कृषि समस्या के स्थायी समाधान की तलाश में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें। ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रभात कुमार राउल ने मंगलवार को यह बातें कही। प्रोफेसर राउल ने शिक्षा '' अनुसंधान (एसओए) के कृषि विज्ञान संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान (आईएएस) में शुरू हुए तीन दिवसीय 'एसओए कृषि-संगम' के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमने जो कृषि अपनाई,वह त्वरित रिटर्न पर आधारित थी जिसके कारण भूजल की कमी के साथ-साथ मिट्टी को स्थायी नुकसान हुआ और हवा की गुणवत्ता में गिरावट ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है।

इस आयोजन का विषय, जिसमें आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में किसान भाग ले रहे हैं, 'स्थायी कृषि और आजीविका सुरक्षा' है।

यह इंगित करते हुए कि कोई भी उद्योग सभी के लिए रोजगार सुनिश्चित नहीं कर सकता, कुलपति ने कहा कि कृषि के विविधीकरण की आवश्यकता है क्योंकि इसमें आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता है। कृषि में भोजन और आजीविका दोनों शामिल हैं और यह मिट्टी, पानी, हवा और पर्यावरण पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में गुणात्मक नुकसान हुआ है। जलवायु परिवर्तन के कारण ओडिशा की वार्षिक वर्षा 1500 मिमी से घटकर अब लगभग 1300 से 1350 मिमी हो गई है।

 कार्यक्रम में सोआ के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप्त कुमार नंद, आईएएस के डीन प्रोफेसर संतोष कुमार राउत, डीन (छात्र कल्याण) प्रोफेसर ज्योति रंजन दास और प्लांट फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर व कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर सरोज कुमार मोहंती भी उपस्थित थे।

प्रोफेसर नंद ने कहा कि सभी शोधों का उद्देश्य समाज को लाभ पहुंचाना है और सोआ इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है। एक बहु-विषयक विश्वविद्यालय होने के नाते सोआ के पास विभिन्न विषयों से जुड़े अनुसंधान करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा है।

 प्रोफेसर राउत ने कहा कि आईएएस का उद्देश्य टिकाऊ कृषि और आजीविका सुरक्षा का समर्थन करने के लिए ओडिशा के लिए एक रोडमैप विकसित करना है।

 इस आयोजन में पैनल चर्चा, पोस्टर प्रस्तुति, किसानों और कृषि विशेषज्ञों के बीच बातचीत, कृषि प्रदर्शनी, कृषि स्टार्ट-अप मीट और एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन गलियारा शामिल था। इसके अलावा, विभिन्न संस्थानों के छात्र प्रतिभागियों के लिए वाद-विवाद, कृषि प्रश्नोत्तरी, ऑन द स्पॉट पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।

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