बिहार पुलिस ने राज्य में होली के त्योहार के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) के निर्देशानुसार ये फैसला लिया गया है। यह कदम त्योहार के दौरान संभावित अशांति, अपराध और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और पुलिस उप महानिरीक्षकों (डीआइजी) को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। होली जिसे "रंगों का त्योहार" कहा जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय और उत्साहपूर्ण त्योहारों में से एक है। हालांकि इस त्योहार के दौरान कई सुरक्षा और कानून व्यवस्था संबंधी चुनौतियां भी सामने आती हैं। होली पर कानून व्यवस्था संबंधी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें शराब के सेवन के बाद होने वाली हिंसा, सड़क दुर्घटनाएं, महिलाओं और बच्चों के प्रति अश्लील टिप्पणियां या उत्पीड़न और सामाजिक तनाव शामिल हैं। बिहार में इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाता है, क्योंकि यहां त्योहारों के दौरान अक्सर विवाद और हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं।बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और पुलिस लगातार इस पर नकेल कश्ती रहती है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बिहार पुलिस ने इस बार होली के दौरान विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे होली के दिन और उसके आसपास के दिनों में पूरी तरह से सक्रिय रहें।पुलिस कर्मियों की छुट्टियां बंद करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद रहें। वहीं किसी भी अप्रिय घटना को तुरंत संभाला जा सके। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी और डीआइजी के साथ आईजी को लिखित निर्देश जारी किए हैं, जिसमें त्योहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं।