पश्चिम बंगाल में एक पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी से खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्ज़ी पासपोर्ट रैकेट की जांच के दौरान जिस आज़ाद मल्लिक को गिरफ्तार किया था, अब उसे लेकर दावा किया है कि वह बांग्लादेशी नहीं, बल्कि पाकिस्तान का नागरिक है। ईडी की जांच में सामने आया है कि आज़ाद मल्लिक नाम और पहचान बदल कर भारत में फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए पासपोर्ट बनाने का गोरखधंधा चला रखा था। कोलकाता के बिराटी के बांकरा इलाके में रहने वाले आज़ाद के ठिकाने से पाकिस्तान का ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है, जिस पर उसका नाम “आज़ाद हुसैन” लिखा हुआ है। एजेंसी के मुताबिक, उसका असली नाम अहमद हुसैन आज़ाद उर्फ़ आज़ाद हुसैन है। ईडी ने बताया कि आज़ाद ने अलग-अलग पहचान बताकर भारत में दो वोटर कार्ड, दो आधार कार्ड और एक ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाया था। उसके पास पाकिस्तान और बांग्लादेश के ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा भारत का लाइसेंस भी मौजूद था। जांच एजेंसी के अनुसार, वह सीमापार से खुद भी फर्ज़ी पासपोर्ट के सहारे भारत में दाखिल हुआ था और फिर इस गिरोह का सरगना बनकर अन्य लोगों को भी अवैध तरीके से भारत में प्रवेश दिलवाने लगा।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि आज़ाद के बैंक खाते में ₹2.62 करोड़ की संदिग्ध राशि का पता चला है। इसके अलावा एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में उसका नाम सामने आया है। ईडी ने इसके आधार पर एक नई ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर उसे फिर से अपनी हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि आज़ाद को वर्ष 2022 में विदेशी नागरिक कानून के तहत राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह कथित रूप से बांग्लादेश भी गया था। ईडी की मानें तो यह मामला देश की सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर है और यह जांच की जा रही है कि क्या आज़ाद किसी आतंकी संगठन या देशविरोधी गतिविधियों से जुड़ा रहा है।