सोआ की उपाध्यक्ष सास्वती दास ने कहा कि महिलाओं में किसी भी प्रणाली की रीढ़ बनने की क्षमता है और वे शिक्षा 'ओ' अनुसंधान डीम्ड यूनिवर्सिटी की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। दास ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सोआ की महिला कर्मचारियों द्वारा किया गया योगदान बहुत बड़ा है और वे अपने परिश्रम से औरों के लिए उदाहरण बन गई हैं।
उन्होंने इतिहास में द्रौपदी, अनुसूया, सीता, सावित्री, कुंतला कुमारी और लक्ष्मीबाई का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाएं आज देश में विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर रही हैं।
इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर मंजुला दास ने कहा कि महिलाएं आज विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और पुरुषों की सफलता में भी समान रूप से योगदान दे रही हैं।
इस अवसर पर आईएमएस और एसयूएम अस्पताल की डीन प्रोफेसर (डॉ.) संघमित्रा मिश्रा, आईटीईआर के कंप्यूटर विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रोफेसर देबाहुति मिश्रा, प्रोफेसर मीरा दास और प्रोफेसर अनीता पंडा, सुनीता वर्मा, खेल अधिकारी और हनी पटनायक, सोआ सामुदायिक रेडियो की प्रभारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
सोआ की कुल छात्र संख्या में महिलाएं लगभग 55 प्रतिशत हैं, जबकि विश्वविद्यालय के संकाय और अन्य कर्मचारियों में निष्पक्ष सेक्स की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है।
कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की डीन प्रोफेसर (डॉ.) नीता मोहंती, प्रोफेसर, संकाय सदस्य, महिला पत्रकार और अखबार के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।