नेता बनाने बाहरी लोगों को किराए पर लाती है बीजेडीः धर्मेंद्र प्रधान

  • May 28, 2024
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जाजपुर, 28 मई:

एक जून को अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है, ओडिशा में राजनीतिक माहौल पूरा गर्म है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को धर्मशाला में अपने प्रचार अभियान के दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर कटाक्ष किया है।

प्रधान ने कहा कि जाजपुर में पीने के पानी, अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की कमी, हाई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ-साथ कई अन्य पद खाली पड़े हैं। इन खाली पदों को भरने के बजाय मुख्यमंत्री लोगों को किराए पार लाकर नेता बना रहे हैं।

प्रधान ने बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता वीके पांडियन को पटनायक द्वारा पार्टी में शामिल करने को लेकर सवाल किया कि राजनीति में बाहरी लोगों को किराये पर कौन लाता है? नवीन पटनायक ने ऐसा किया है क्योंकि वह तमिलनाडु से लोगों को नेता बनाने के लिए किराए पर लाए थे।

 केंद्रीय मंत्री ने पांडियन और बीजद के संगठनात्मक सचिव और जाजपुर विधायक प्रणव प्रकाश दास उर्फ बॉबी पर भी निशाना साधा। प्रधान ने कहा कि जाजपुर में 'गुमास्ता' का एक गुलाम है। उस गुलाम ने मालवाहक जहाज एमवी ब्लैक रोज के जरिए राज्य की संपत्ति बेचने की साजिश रची थी।

 ओडिशा के लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में बीजद की विफलता पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में पीने के पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। हालांकि, राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के बजाय तमिल ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करती है।

स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। सभी मुद्दों के बावजूद, गुलाम और 'गुमास्ता' मुख्यमंत्री की यह कहते हुए प्रशंसा करना बंद नहीं कर रहे हैं कि 'सीएम जो कहते हैं वह करते हैं'  प्रधान ने बताया कि जाजपुर में 320 में से 140 पद खाली हैं। 40 फीसदी अस्पतालों में डॉक्टरों के पद खाली हैं। जिले को नर्सों के लिए 806 पद आवंटित किए गए हैं, लेकिन 453 पद खाली हैं, यानी 56 फीसदी पद खाली हैं।

 उन्होंने नगाड़ा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुलाम जिले को अपनी संपत्ति मानता है। 14 पंचायतों में हाई स्कूल नहीं हैं। ओडिशा में 50 फीसदी बच्चे मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे रहे हैं। जिले में 25 फीसदी बच्चे लंबाई में छोटे हैं, जबकि 20 फीसदी बच्चों का वजन और लंबाई कम है। यहां के युवाओं को जाजपुर में नौकरी भी नहीं मिल सकी।

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