लोक सेवा आयोग ने 30 मई को सिविल सर्विस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया। इसमें दिव्यांश ने 153वां रैंक हासिल किया। वो लॉकडाउन के दौरान बोकारो में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी की थी। दिव्यांश ने दूसरे बार में यूपीएससी में कामयाबी हासिल कर ली। दिव्यांश और उसके परिवार वाले काफी खुश हैं। उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी दीदी, जीजा, पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को दी।
गरीब तबके को न्याय दिलाना दिव्यांश की पहली प्राथमिकताः दिव्यांश ने कहा कि वो गरीब तबके के लोगों को सहायता करेंगे और उनको न्याय दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी। दिव्यांश ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी यूपीएससी अटेंप्ट किया था। इसके लिए उन्होंने 9-9 घंटे पढ़ाई भी की थी। लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की भी तैयारी की।
बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं दिव्यांशः बता दें कि दिव्यांश शुक्ला बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। वर्तमान में वो रामगढ़ के सीसीएल बड़का सियाल प्रोजेक्ट में इंजीनियर हैं। लेकिन कोरोना काल में दिव्यांश ने अपनी बड़ी बहन रितिका शुक्ला के घर पर रहकर तैयारी की। दिव्यांश उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में रहकर पढ़ाई की है। दिव्यांश ने गोरखपुर के केंद्रीय विद्यालय से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद बीएचयू से आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और सीसीएल में नौकरी शुरू की।