अरब सागर में बने भीषण चक्रवाती तूफान विपर्यय कमजोर होने के कारण ओडिशा में उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गति और दिशा में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जिसके कारण दिन के तापमान में गिरावट आएगी। इस की जानकारी पर्यावरण और जलवायु केंद्र (सीईसी) द्वारा प्रबंधित शिक्षा और अनुसंधान (सोआ) ने सोमवार को दी है।
सीईसी के निदेशक डॉ शरत चंद्र साहू ने कहा कि अभ्यंतर और तटीय ओडिशा में दिन के तापमान में गिरावट आने की संभावना है, जबकि पश्चिम ओडिशा के जिलों में 21 जून तक तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। हालांकि, तटीय क्षेत्रों में तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। उन्होंने कहा कि 23 जून के बाद राज्य भर में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम रहेगा।
डॉ. साहू ने कहा कि चक्रवात ' विपर्यय ' के कमजोर पड़ने और आंधी में तब्दील होने के बाद इसका असर राजस्थान और उसके आसपास के इलाकों पर पड़ा। पाकिस्तान में बंगाल की खाड़ी की ओर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से शुष्क और गर्म हवा चल रही थी। इससे ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में भीषण गर्मी का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ जगहों पर काल बैसाखी का असर रहा, लेकिन यह सूरज की तपिश को झेल नहीं सका।
डॉ. साहू ने कहा कि 23 जून को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में चक्रवात बनने की संभावना है और यह दक्षिण की ओर मुख करके उत्तर ओडिशा की ओर बहेगा। इसके साथ ही 23 से 25 जून के बीच राज्य में बारिश की मात्रा बढ़ सकती है।
नतीजतन, दक्षिण-पश्चिम मानसून 23 जून या उसके बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा। हालांकि प्री-मानसून कालबैसाखी के प्रभाव से राज्य में हल्की से मध्यम बारिश और उत्तरी ओडिशा में एक-दो स्थानों पर 23 जून तक भारी बारिश की संभावना है। डॉ. साहू ने कहा कि 29 जून को उत्तर पश्चिम बंगोप सागर में कम दबाव बनने की संभावना है, जिससे ओडिशा में बारिश की मात्रा बढ़ सकती है।
आगे कहा कि मंगलवार को जब भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा हो रही है, तब पुरी में बारिश की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दिन पुरी में तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जबकि आद्रता 65 से 75 प्रतिशत रहेगी।