ओडिशा में 208 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्गों के लोगों की सामाजिक और शैक्षिक स्थितियों का पहला सर्वेक्षण सोमवार को शुरू किया गया। सर्वेक्षण, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा रहा है, 27 मई तक राज्य भर में जारी रहेगा। पिछड़ा वर्ग के लिए ओडिशा राज्य आयोग ओडिशा में सभी 314 ब्लॉक और 114 नागरिक निकाय क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर रहा है। ओबीसी लोग सर्वेक्षण के लिए अपना विवरण ऑनलाइन (www.oscbc.odisha.gov.in) नि:शुल्क दर्ज करा सकते हैं। ऑफलाइन मोड में आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में बनाए गए सर्वे काउंटरों पर परिवार के मुखिया या कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार का डाटा उपलब्ध करा सकता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षिकाओं को गणनाकार के रूप में लगाया गया है। वे किस तरह के घरों में रहते हैं, उनकी आजीविका, बुनियादी ढांचे, अस्पतालों, स्कूलों, बाजारों, कॉलेजों आदि तक पहुंच के बारे में एक प्रश्नावली के साथ जानकारी एकत्र करने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है।
इस बीच, राज्य में अब तक के पहले ओबीसी सर्वेक्षण को लेकर राजनीति तेज हो गई है और विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं। राज्य भाजपा के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रमुख सुरथ बिस्वाल ने आरोप लगाया कि बीजद सरकार 24 साल सत्ता में रहने के बाद भी राज्य में ओबीसी लोगों को संवैधानिक अधिकार और आरक्षण प्रदान करने में विफल रही है। बिस्वाल ने कहा, अब सरकार सर्वेक्षण कर रही है, जो कि एक तमाशा है।
उन्होंने कहा कि कई जातियों को राज्य की सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) सूची से बाहर कर दिया गया है।बिस्वाल ने कहा कि वर्तमान में लगभग 15 से 20 जातियों के नाम केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में हैं, लेकिन राज्य एसईबीसी सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सूची की जातियों को स्वचालित रूप से राज्य की ओबीसी सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
भाजपा नेता ने सवाल किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर इन जातियों के लोगों के नाम एसईबीसी सूची में नहीं हैं, तो यह किस तरह का सर्वेक्षण है।
इसी तरह, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुरेश राउतराय ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, बीजद सरकार ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए सर्वेक्षण कर रही है। हम, ओबीसी, पिछड़े बने हुए हैं क्योंकि सरकार ने हमें रोजगार और अन्य में आवश्यक आरक्षण प्रदान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह भी स्पष्ट करने की जरूरत है कि सर्वेक्षण के बाद ओबीसी लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जाएंगे।
राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री जगन्नाथ सरकार ने कहा कि सर्वेक्षण पिछड़े वर्ग की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का पता लगाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए केंद्रित योजना के लिए महत्वपूर्ण है।
विपक्ष के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए सरका ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने कभी भी जाति की राजनीति नहीं की। सर्वेक्षण से हमें ओबीसी आबादी के लिए अधिक प्रभावी ढंग से योजना बनाने में मदद मिलेगी।