भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) राजधानी शहर में कुत्तों की एक व्यापक जनगणना करने जा रहा है, जिसमें आवारा और पालतू दोनों तरह के कुत्ते शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के तहत, आसान पहचान के लिए कुत्तों के कानों पर टैग लगाए जाएंगे। मेयर सुलोचना दास ने शुक्रवार को बताया कि बीएमसी शहर के सभी कुत्तों का एक पूरा डेटाबेस बनाए रखेगी।
इस जनगणना कार्यक्रम में पालतू कुत्तों और आवारा कुत्तों की गतिविधियों जैसे विवरण दर्ज किए जाएंगे। नसबंदी और टीकाकरण की स्थिति की जानकारी भी माइक्रोचिप्स में संग्रहीत की जाएगी, जिससे जानवरों के स्वास्थ्य की स्थिति पर नज़र रखने में मदद मिलेगी।
अनुमान के अनुसार, वर्तमान में भुवनेश्वर के विभिन्न हिस्सों में 80,000 से ज़्यादा कुत्ते रहते हैं। घरों में रखे गए पालतू कुत्तों का डेटा भी बीएमसी रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा।
मेयर दास ने ज़ोर देकर कहा कि कुत्तों पर टैग लगाने से न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि जानवरों की सुरक्षा और भलाई भी सुनिश्चित होगी।
मेयर सुलोचना दास ने कहा कि हम भुवनेश्वर में सभी आवारा कुत्तों की गिनती के लिए एक जनगणना कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। हमने मीडिया को इसकी जानकारी दे दी है और इस संबंध में सभी प्राथमिक कार्य पूरे हो चुके हैं। बारिश का मौसम होने के कारण हम कार्यक्रम में थोड़ी देरी कर रहे हैं। बारिश रुकते ही कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रम के तहत सभी कुत्तों को टैग करेंगे ताकि कुत्तों की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जा सके। हम यह भी जान पाएंगे कि कुत्ते की नसबंदी हुई है या उसे टीका लगाया गया है। यह सारी जानकारी माइक्रोचिप में संग्रहीत होगी। इससे हमें उनके स्वास्थ्य और संख्या पर नज़र रखने में मदद मिलेगी। इन सभी चीज़ों के लिए जनगणना आवश्यक है। हमारा अनुमान है कि भुवनेश्वर में अभी 80,000 से ज़्यादा आवारा कुत्ते हैं। हालांकि, उनकी सही संख्या जनगणना के बाद ही पता चल पाएगी।