ल्यूकेमिया से बेहतर तरीके से लड़ते हैं बच्चे: कैंसर विशेषज्ञ

  • May 29, 2025
Khabar East:Children-battle-leukemia-better-Cancer-expert
भुवनेश्वर, 29 मई:

भारत में रक्त कैंसर या ल्यूकेमिया के मामले बढ़ रहे हैं और बड़ी संख्या में बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। यहां इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और सम अस्पताल में हेमाटोलॉजी, हेमेटो ऑन्कोलॉजी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और सेलुलर थेरेपी विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. प्रियंका सामल ने कहा कि एक से दस साल की उम्र के बच्चों में यह बीमारी हो रही है, लेकिन वे इस बीमारी को बेहतर तरीके से हराने की क्षमता दिखा रहे हैं।

 हालांकि युवाओं में ल्यूकेमिया के नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन लगभग 80 से 90 प्रतिशत बच्चे उचित उपचार और देखभाल से इस बीमारी को हराने में सक्षम हैं। उन्होंने बुधवार को विश्व रक्त कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कही।

 प्रो. (डॉ.) सामल ने कहा कि प्रदूषण, विकिरण और रासायनिक उर्वरक का उपयोग इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 80,000 से एक लाख तक रक्त कैंसर के नए मामले सामने आते हैं, जबकि इससे अब तक करीब 70,000 लोगों की जान जा चुकी है।

 इस बीमारी के लक्षणों में लगातार बुखार आना, हीमोग्लोबिन, कुल ल्यूकोसाइट काउंट और प्लेटलेट लेवल में गिरावट, शरीर पर काले धब्बे दिखना और रक्तस्राव शामिल हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए मरीज की तुरंत रक्त जांच और डॉक्टर से परामर्श की जरूरत होती है।

प्रो. (डॉ.) सामल ने कहा कि अगर बच्चों को आठ से दस दिनों तक बुखार रहता है, तो उन्हें डॉक्टर से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईएमएस और एसयूएम अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन, हैप्लो ट्रांसप्लांट और चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर-टी (सीएआर-टी) सेल थेरेपी जैसी नवीनतम उपचार पद्धति की सुविधाएं हैं।

शिक्षा अनुसंधान डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (एसओए) द्वारा संचालित अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) पुष्पराज सामंतसिंहर ने कहा कि अस्पताल में इलाज करा रहे रक्त कैंसर के मरीजों को एक ही छत के नीचे ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग, जेनेटिक एंड मॉलिक्यूलर लैब, लैब हेमेटोलॉजी, क्रिटिकल केयर यूनिट और विशेष नर्सिंग देखभाल की सेवा मिल रही है।

आईएमएस और एसयूएम अस्पताल की डीन प्रो. (डॉ.) संघमित्रा मिश्रा ने कहा कि अस्पताल मामले की सटीक पहचान के लिए उन्नत इमेजिंग और प्रयोगशाला परीक्षणों सहित नैदानिक ​​सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला का विस्तार कर रहा है।

प्रख्यात न्यूरो सर्जन और सोआ के प्रमुख सलाहकार (स्वास्थ्य विज्ञान) प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्र ने कैंसर रोगियों से दृढ़ संकल्प और साहस के साथ बीमारी का सामना करने का आग्रह किया।

 फुलनखरा स्थित आईएमएस एवं एसयूएम अस्पताल-2 के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार लेंका, नर्सिंग अधीक्षक मिनती मिश्रा और उप महाप्रबंधक पुष्पांजलि राउत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

Author Image

Khabar East

  • Tags: