ओडिशा में आलू की बढ़ती कीमतों के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बीच खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने स्थिति का जायजा लिया और भुवनेश्वर के ऐगिनिया में आलू के गोदाम का दौरा किया।
बाजार की स्थिति की गहन समीक्षा के बाद मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पात्र ने कहा कि राज्य में आलू का पर्याप्त स्टॉक है जो सात से आठ दिनों की जरूरतों को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो ‘कृत्रिम कमी’ पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके कारण कीमतों में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति रुक गई है, लेकिन ओडिशा के व्यापारियों को स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
मंत्री ने आगे कहा कि स्थिति से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है और कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर सरकार उत्तर प्रदेश से आलू का आयात करेगी। मौजूदा स्थिति के लिए पिछली बीजद सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में आलू और प्याज मिशन विफल हो गया है। पिछली सरकार राज्य में कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और आलू-प्याज का उत्पादन बढ़ाने में विफल रही।
गौरतलब है कि बाजार में आलू का खुदरा मूल्य 45-50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है, जिससे आम लोगों पर भारी बोझ पड़ रहा है। 20 जुलाई को बाजार में आलू करीब 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध था। हालांकि, अब कीमत लगभग दोगुनी हो गई है।