पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के बहुप्रतीक्षित संगठनात्मक फेरबदल की संभावना फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में है। इस पर अंतिम निर्णय पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, फरवरी के पहले सप्ताह में सरस्वती पूजा के बाद मुख्यमंत्री इस प्रस्तावित संगठनात्मक फेरबदल पर अपनी अंतिम स्वीकृति देंगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और राज्य कैबिनेट सदस्य, जिन्होंने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया, “पार्टी की आंतरिक बैठकों में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले कम से कम 10 वर्षों तक सभी संगठनात्मक और आंतरिक मामलों में उनका निर्णय अंतिम होगा। इसलिए इस प्रस्तावित फेरबदल पर भी उनका निर्णय अंतिम होगा।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि पार्टी मामलों में ममता बनर्जी के इस स्पष्ट संदेश का उद्देश्य तृणमूल कांग्रेस में “पुराने चेहरों” और “नए चेहरों” के बीच चल रही बहस को समाप्त करना है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने संगठनात्मक फेरबदल पर अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को पहले ही सौंप दी हैं। फरवरी में यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनकी सिफारिशों को कितनी स्वीकृति मिली।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि संगठनात्मक फेरबदल के अलावा, अभिषेक बनर्जी ने नगरपालिकाओं के स्तर पर प्रमुख बदलावों का भी सुझाव दिया है। विशेष रूप से उन शहरी निकायों में, जहां पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन तृणमूल कांग्रेस से बेहतर रहा। इस आधार पर, राज्य की कम से कम 69 नगरपालिकाओं में शीर्ष स्तर पर बदलाव की संभावना है, क्योंकि इन निकायों में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे। हालांकि, पार्टी सूत्रों के अनुसार, अभिषेक बनर्जी के कितने सुझाव लागू किये जाएंगे, यह मुख्यमंत्री के निर्णय पर निर्भर करेगा।