मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को अधिकारियों को 30 दिसंबर तक बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति का उचित आकलन कर प्रभावित किसानों की पहचान करने का निर्देश दिया। लोक सेवा भवन में समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस बात पर ध्यान दें कि एक भी प्रभावित किसान सहायता से वंचित न रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी बीमित और गैर-बीमित किसानों को राज्य और केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया ताकि सभी बीमित किसान निर्धारित समय सीमा के भीतर बीमा कंपनियों को नुकसान के बारे में सूचित करें।
बैठक से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने फसल बीमा योजना के तहत 1 लाख 26 हजार किसानों के नुकसान की जानकारी दी। मुख्यमंत्री माझी ने मीडिया के माध्यम से सभी बीमित किसानों से रविवार (29 दिसंबर) तक अपनी फसल क्षति की रिपोर्ट करने की अपील की।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के पंजीकृत किसानों से अनुरोध किया कि वे बेमौसम बारिश के कारण अपनी फसलों को हुए नुकसान की सूचना तुरंत “कृषि रक्षक पोर्टल” के माध्यम से या 14447 पर कॉल करके दें।
इस समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री केवी सिंह देव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, सहकारिता मंत्री प्रदीप बाल सामंत, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी धल और विशेष राहत आयुक्त देव रंजन सिंह शामिल थे।