उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता हर जगह लोग पीड़ित हैं देश को आतंक और हिंसा से बाहर निकलकर देश के के समग्र विकास की ओर आगे बढ़ना होगा, आतंक के खिलाफ पूरे दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है तभी हम 21 वीं सदी की चुनौतियों का सामना कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि नई सोच के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। लोकतंत्र में असहमति और विरोध हो सकता है लेकिन हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। जमशेदपुर शहर के नामकरण के 100 साल पूरे होने पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि भारत के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को भी शहरी जैसी सुविधा मिलनी चाहिए तब जाकर पूर्ण विकास होगा। उपराष्ट्रपति ने लोगों को जंक फूड से दूरी बनाये रखने को कहा उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना होगा, जीवनशैली और खानपान में सुधार लाना जरुरी है, जंक फूड जानलेवा बीमीरियों को जन्म देती है, वही कैंसर एक महामारी है। खानपान की शैली को अब ठीक करने की जरूरत है जंक फूड बीमारियों को जन्म देती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सोनारी एयरपोर्ट से 18 कारों के काफिले के साथ रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस पहुंचे, यहां टाटा स्टील के आर्काइव का भ्रमण कर पौधरोपण किया। यहां से एक्सएलआरआइ स्थित टाटा आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। उपराष्ट्रपति के साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। टाटा ऑडिटोरियम में मंच पर उपराष्ट्रपति के साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मंत्री चंपई सोरेन और टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन मौजूद रहे। इसके बाद उपराष्ट्रपित बिष्टु के 103 साल पुराने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर अपने संदेश में उपराष्ट्रपति ने राम मंदिर की स्मारिका में लिखा कि राम मंदिर में आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। यह 103 साल पुराना मंदिर है।