जिले के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा 14 साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है। सर्जरी के बाद बच्चे के हाथ में सूजन आ गई है। चार महीने पहले हाथ टूटने के बाद ऑपरेशन कराया गया था। परिजनों ने मामले को लेकर अस्पताल के डॉक्टर खिलाफ सिविल सर्जन से शिकायत की है। सिविल सर्जन ने जांच के बाद कार्रवाई और बच्चे के इलाज का भरोसा दिलाया है। कोडरमा के डोमचांच स्थित लाछनडीह के रहने वाले सनाउल्ला अंसारी ने बताया कि उसका 14 साल का छोटा भाई चार महीने पहले जामुन के पेड़ से नीचे गिर गया था। जिसमें उसका हाथ टूट गया था। हादसे के बाद धनबाद के नामधारी अस्पताल में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया था। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी, जिसके बाद उसका ऑपरेशन हुआ। लेकिन ऑपरेशन के बाद भी उसके हाथ में तकलीफ कम नहीं हुई। बार-बार लाकर उसे नामधारी अस्पताल में इलाज कराते रहे। बावजूद हाथ से सूजन और दर्द कम नहीं हो रहा है।नामधारी अस्पताल से परेशान होने के बाद भाई को रांची रिम्स ले गए। जहां डॉक्टर ने भाई को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी है। रिम्स के डॉक्टर का कहना है कि उसके भाई का हाथ काटना पड़ेगा। इसके बाद परिजन परेशान होकर धनबाद सिविल सर्जन से मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया। साथ ही लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन सीवी प्रतापण ने कहा कि मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जांच टीम के डॉक्टर गौतम के साथ सदर अस्पताल के तीन विशेषज्ञ डॉक्टर को रखा गया है। जिसमें हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ हरेंद्र कुमार, सर्जन डॉ संजीव गोलास और डॉक्टर राजीव कुमार शामिल हैं। सिविल सर्जन ने जांच टीम से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही बच्चे का इलाज कराया जाएगा।