पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत करीब 4600 माइक्रो ऑब्जर्वरों का प्रशिक्षण बुधवार से शुरू हो गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की निगरानी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी स्वयं कर रहे हैं। कोलकाता के नजरूल मंच में आयोजित यह प्रशिक्षण सत्र पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।अधिकारी ने बताया कि सरकारी अधिकारियों को माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या चूक को रोका जा सके। ये माइक्रो ऑब्जर्वर अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में काम करेंगे और सुनवाई प्रक्रिया के दौरान भी उनकी तैनाती की जाएगी। सुनवाई के समय प्रत्येक कक्ष में एक माइक्रो ऑब्जर्वर मौजूद रहेगा।
माइक्रो ऑब्जर्वरों की मुख्य जिम्मेदारी सुनवाई के दौरान निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों और सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के कार्यों पर कड़ी नजर रखना होगी। इसके साथ ही वे मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत गणना प्रपत्र, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों की जांच करेंगे।
अधिकारी ने बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर मतदाता सूची में किसी भी तरह की विसंगति की पहचान करेंगे और आंकड़ों का विश्लेषण भी करेंगे, ताकि सूची पूरी तरह त्रुटिरहित बनाई जा सके। इस कार्य के लिए प्रत्येक माइक्रो ऑब्जर्वर को एकमुश्त 30 हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा। चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ाने और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में बेहद अहम साबित होगा।