डीजीपी खुरानिया ने कटक में 70वें राज्य पुलिस ड्यूटी मीट का किया उद्घाटन

  • Oct 16, 2025
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भुवनेश्वर,16 अक्टूबरः

कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिस कर्मियों की परिचालन और जांच कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित 70वें राज्य पुलिस ड्यूटी मीट का उद्घाटन गुरुवार को कटक स्थित रिजर्व पुलिस ग्राउंड में किया गया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) योगेश बहादुर खुरानिया ने पूर्वाह्न में इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।

इस प्रतियोगिता में ओडिशा के 34 पुलिस जिलों से कुल 282 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें 43 पुलिस डॉग (के-9 यूनिट्स) और उनके हैंडलर शामिल हैं। प्रतिभागियों में 42 इंस्पेक्टर, 34 सब-इंस्पेक्टर (एसआई), 59 असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई), 16 हवलदार और 131 कांस्टेबल शामिल हैं।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए डीजीपी खुरानिया ने कहा कि अपराधों की जांच और उनका समाधान पुलिस की मुख्य जिम्मेदारी है। उन्होंने साक्ष्य-आधारित और वैज्ञानिक जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अगर जांच पूरी तरह से सटीक नहीं होगी तो दोषी बच सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर दोष सिद्धि दर को बढ़ाएं और न्याय सुनिश्चित करें।

पॉक्सो मामलों की प्रभावी जांच का उल्लेख करते हुए डीजीपी ने कहा कि जांच तकनीकों और पेशेवर दक्षता में सुधार से अपराधियों की शीघ्र पहचान, दोष सिद्धि और कड़ी सजा संभव हो पाई है।

 उन्होंने बताया कि पुलिस ने अंतरराज्यीय डकैती गिरोहों, अवैध हथियार तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी और अवैध गांजा की खेती के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया है। प्रहार’, ‘गज’, ‘चक्र’, ‘अग्निऔर गरुड़जैसे विशेष अभियानों के माध्यम से आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

  डीजीपी खुरानिया ने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखना, हिंसा की रोकथाम करना और महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि राज्य के हर कोने में नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करें।

 उन्होंने यह भी जोर दिया कि बदलते अपराध स्वरूप के अनुरूप फॉरेंसिक जांच और साइबर अपराध रोकथाम के क्षेत्र में पुलिसकर्मियों को लगातार कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए।

 प्रतियोगिता में कई तरह की परीक्षाएं और प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य पुलिसकर्मियों की व्यावसायिक क्षमताओं का परीक्षण और उन्हें निखारना है। इनमें फिंगरप्रिंट विश्लेषण, साइबर अपराध और निगरानी, कंप्यूटर कौशल, अवलोकन परीक्षण, विधि-चिकित्सा ज्ञान, पुलिस कानून, फोटोग्राफी, प्रोफाइलिंग और के-9 यूनिट्स द्वारा प्रदर्शन शामिल हैं।

 इस कार्यक्रम का आयोजन अपराध शाखा के डीजीपी विनयतोष मिश्रा की प्रत्यक्ष देखरेख में किया गया है, जिन्होंने स्वागत भाषण दिया। अपराध शाखा के डीआईजी बी. गंगाधर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। राज्यभर से कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे।

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